Kolkata rape-murder case: वारदात के बाद बॉडी के पास कैसे पहुंची भीड़? CBI जांच में चौंकाने वाले खुलासे
Kolkata rape murder case: कोलकाता महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सीबीआई की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, मामले में एक नया वीडियो सामने आया है। करीब 43 सेकंड के इस वीडियो में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो 9 अगस्त वारदात के बाद का है। इस वीडियो में शव के आसपास कुछ लोगों की भीड़ एकत्रित है।
वीडियो से इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं? दरअसल, हत्या के इस मामले में शव के 50 मीटर के दायरे में इतनी भीड़ कैसे पहुंच गई? फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट मानते हैं कि भीड़ की वजह से मौका ए वारदात से साक्ष्य मिटने का खतरा होता है।
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साइबर क्राइम एक्सपर्ट कर रहे जांच
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि कथित वीडियो में आरजी कर अस्पताल की पुलिस चौकी के इंचार्ज संजीव चट्टोपाध्याय, वकील शांतनु डे, अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष के पीए प्रसून चट्टोपाध्याय और फॉरेंसिक डेमोंस्ट्रेटर देवाशीष सोम थे। हालांकि फिलहाल जांच एजेंसी इस वीडियो के बारे कोई खुलासा नहीं कर रही है। एजेंसी सूत्रों की मानें तो वीडियो की जांच के लिए साइबर क्राइम एक्सपर्ट से संपर्क किया गया है।
पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष पर साक्ष्य मिटाने का आरोप
बता दें कि इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीष घोष पर घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने का आरोप है। सीबीआई उनसे पूछताछ कर रही है। ऐसे में शव के पास तक उनके पीए और अन्य परिचित का होना उन पर शक पैदा करता है। इससे पहले सीबीआई की जांच में सामने आया था कि आरोपी संजय रॉय में नेक्रोफिलिक प्रवृत्ति है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इसमें शख्स को डेड बॉडी के साथ संबंध बनाने की सनक होती है।
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