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'काली' मौत मंडरा रही थी, हिम्मत जुटाकर खिड़की से कूदे, लेकिन...घायलों की जुबानी कुवैत अग्निकांड की आंखोंदेखी

Kuwait Fire Tragedy: कुवैत में हुए अग्निकांड से जिंदा बचकर निकले लोगों ने हादसे की आंखोंदेखी सुनाई है, जो इतनी भयावह है कि दिल दहल जाएगा। आग में झुलसे लोगों ने बताया कि आग कैसे लगी और उन्होंने कितना खौफनाक मंजर आंखों से देखा?
10:55 AM Jun 13, 2024 IST | Khushbu Goyal
आग की लपटों से बचकर निकले लोगों ने अग्निकांड की आंखोंदेखी सुनाई।
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Kuwait Fire Tragedy Inside Story: आग ही आग थी, काला धुंआ मौत बनकर मंडरा रहा था। सभी जान बचाने को इधर उधर भाग रहे थे, चिल्ला रहे थे। बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। आंखों के आगे मौत थी, अचानक खिड़की नजर आ गई। शीशा तोड़ा और नीचे कूद गए। किस्मत से जान बच गई, लेकिन अपने साथियों को हम बचा नहीं पाए। जेहन में वो खौफनाक मंजर घूम रहा है। सुना था, लेकिन पहली बार आंखों के सामने मौत को देखा, लेकिन शायद अभी हमारी मौत नहीं आई थी, यह कहते हुए चिन्नाप्पन विश्वनाथन फूट-फूट कर रोने लगे। कुवैत में 6 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग से बचकर निकले लोगों ने मौत से सामना करने का भयावह अनुभव बताया तो दिल दहल गया। वे अपने 40 साथियों को खोने के सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।

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सुबह के करीब साढ़े 4 बजे की घटना

कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ शहर में लगी आग से चमत्कारिक रूप से बचे चेन्नई निवासी चिन्नाप्पन विश्वनाथन ने बताया कि सुबह के करीब 4.30 बजे होंगे। मैं गहरी नींद में था, लेकिन अचानक हुई हलचल से मेरी नींद खुल गई। चारों ओर बहुत धुंआ था, जिससे सांस लेने में परेशानी हुई। लोग घबराकर भाग रहे थे। कई लोगों का दम घुट रहा था। हमने बाहर न जाने का फैसला लिया और अपने कमरे में ही रहे। जब अग्निशमन अधिकारी आए, तभी हमने दरवाजा खोला। आग ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी। पहले तो हम समझ ही नहीं पाए कि क्या हो रहा है? बहुत शोर और अफरा-तफरी मची हुई थी। कुछ लोग हॉल रूम में चले गए और वापस नहीं आ सके। हमने तब तक बाहर नहीं जाने का फैसला किया, जब तक कि अधिकारी हमें खोजने नहीं आए।

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AC बंद करके, शीशे तोड़ बचाई जान

चिन्नप्पन ने बताया कि वह कुवैत में टेक्नीशियन के रूप में काम करता है। संतोष कुमार अभी भी सदमे में है। नेपाल के 39 वर्षीय व्यक्ति ने एक महीने पहले ही स्टोरकीपर के तौर पर काम करना शुरू किया था। वह पहली मंजिल पर सो रहा था और खिड़की का शीशा तोड़कर भाग निकला। मैंने कई बार चिल्लाते हुए सुना कि इमारत में आग लग गई है। हम तीन या चार लोगों ने मिलकर खिड़की का शीशा तोड़ा और ग्राउंड फ्लोर पर कूद गए। हम भाग्यशाली थे कि हम अपनी जान बचाकर भाग निकले।

29 वर्षीय राजेंद्रन मरिदुरई, जो थेनकासी में रहते हैं, ने सूझबूझ से अपनी जान बचाई। वे और उनके साथी, जो तीसरी मंजिल पर रहते थे, उन्होंने एयर कंडीशनर बंद कर दिया और अंदर ही रहे। कुछ लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन वे बेहोश हो गए। कुछ लोग अपने कमरे बंद करके अंदर ही रहे। 2 लोग चौथी मंजिल से कूद गए और उनकी जान चली गई। हमने एयर कंडीशनर बंद कर दिया, बाहर की हवा के लिए शीशा तोड़ा तो जान बची।

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