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वैज्ञानिकों ने लैब में बनाया नकली ब्लैक होल! जल्द खुल सकते हैं ब्रह्मांड के कई बड़े रहस्य

Black Hole Lab Test: अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए वैज्ञानिक रोज नए प्रयोग करते हैं। इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने लैब में नकली ब्लैक होल बनाया है। क्या इससे अंतरिक्ष की गुत्थी सुलझाने में मदद मिलेगी?
11:17 AM Jul 30, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Black Holes Mystery: ब्लैक होल ब्रह्मांड का सबसे बड़ा रहस्य है, जिसके बारे में जानने के लिए वैज्ञानिक भी उत्सुक हैं। ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण और स्पेसटाइम इतना मजबूत है कि रोशनी भी इसमें समाहित हो जाती है। ब्लैक होल का रहस्य समझने के लिए वैज्ञानिकों ने नकली ब्लैक होल बनाए थे। सवाल ये है कि क्या वाकई वैज्ञानिकों को इससे ब्लैक होल को समझने में मदद मिलेगी?

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ब्लैक होल का स्पेसटाइम

नकली ब्लैक होल बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने एटम्स की श्रृंखला तैयार की। इसमें उन्हेंने हॉकिंग रेडिएशन का अनुभव किया। क्वांटम फ्लक्चुएशन को हिलाने के बाद कुछ पार्टिकल्स का जन्म हुआ, जिससे ब्लैक होल का स्पेसटाइम अपने आप टूटने लगा।रिसर्च के अनुसार सिमुलेशन की मदद से रिलेटिविटी थ्योरी और क्वांटम थ्योरी के बीच होने वाले फ्रिक्शन को परिभाषित किया जा सकता है। रिलेटिविटी की जनरल थ्योरी को आइंस्टीन थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी भी कहा जाता है। ये गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को समझाता है, जिसे स्पेसटाइम भी कहा जाता है।

इवेंट होराइजन पर बना सस्पेंस

ब्लैक होल पर होने वाला ये प्रयोग अगर सफल रहा तो शायद अंतरिक्ष से जुड़े कई सवालों के जवाब आसानी से मिल जाएंगे। ब्लैक होल से लाइट भी नहीं बच पाती है। ब्लैक होल के केंद्र को इवेंट होराइजन कहा जाता है। इस इवेंट होराइजन से टकराने के बाद हर चीज गायब हो जाती है। आखिर वो चीजें कहां जाती हैं? इसका जवाब आज भी सभी के लिए रहस्य बनी हुई है।

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लैब में ब्लैक होल बनाने के फायदे

1974 में स्टीफन हॉकिंग ने क्वांटम फ्लक्चूएशन को समझाते हुए कहा था कि इवेंट होराइजन काफी हद तक थर्मल रेडिएशन से मिलता-जुलता है। हॉकिंग के मुताबिक अगर कोई ब्लैक होल क्षमता से अधिक द्रव्यमान खोता है तो वो धीरे-धीरे गायब होने लगता है। ब्लैक होल के बारे में कहा जाता है कि बड़े ब्लैक होल की तुलना में छोटे ब्लैक होल ज्यादा गर्म होते हैं। लैब में परीक्षण के दौरान वैज्ञानिक ब्लैक होल के बिहेवियर को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

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