हरियाणा में महंगी हुई शराब, बीयर की भी बढ़ गई कीमत, जानें- क्यों हुआ ऐसा?
Liquor Became Costly In Haryana : हरियाणा में शराब की कीमत बढ़ गई है। सिर्फ शराब ही नहीं, यहां बीयर भी महंगी हो गई है। ऐसा हुआ यहां की आबकारी नीति में बदलाव के कारण। हरियाणा की नई आबकारी नीति 12 जून से लागू हो गई है जिसके कारण शराब महंगी हो गई है। इस नीति में और भी कई बदलाव किए गए हैं। साथ ही होटल संचालकों को भी शराब खरीदने की 'आजादी' दी गई है। इसके अलावा शराब की दुकान कहां खुलेगी और देर रात तक खोलने की कितनी फीस देनी होगी, इसके बारे में भी नियम तय किए गए हैं। बता दें कि हरियाणा में कोरोना के बाद से आबकारी एवं कराधान विभाव के वित्त वर्ष में बदलाव हुआ है। पहले यह 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच होता था। अब यह 12 जून से 11 जून तक चलता है। इसकी कारण नई आबकारी नीति 12 जून से लागू हुई है।
जानें, कितनी महंगी हुई शराब
नई नीति के कारण हरियाणा में देसी शराब की बोतल पर 5 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इसके अलावा अंग्रेजी शराब की बोतल पिछली बार की कीमत के मुकाबले 5 फीसदी तक महंगी हो गई है। इस महंगाई से बीयर की बोतल भी अछूती नहीं रही। बीयर की बोतल पर 20 रुपये बढ़ाए गए हैं। विदेशी शराब की भी कीमत बढ़ाई गई है। विदेशी शराब पिछली कीमत के मुकाबले 5 फीसदी अधिक महंगी हो गई है।
हरियाणा में महंगी हुई शराब।
प्रति पेटी कम हुई कीमत
नई आबकारी नीति में पिछले साल के मुकाबले इस साल रिजर्व प्राइज में 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। वहीं प्रति पेटी के दाम कम हुए हैं। पहले प्रति पेटी 50 से 60 रुपये बढ़ाए जाते थे। इस बार प्रति पेटी 20 से 25 रुपये बढ़ाए गए हैं। शराब की दुकान से जुड़ी लाइसेंस फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एल-1 (अंग्रेजी होल सेल) और एल-13 (देशी शराब होल सेल) लाइसेंस की फीस वही है जो पिछले साल थी।
दूर खुलेगी दुकान
नई नीति में शराब के ठेके गांव से 50 मीटर दूर खोले जाएंगे। वहीं देर रात खोलने की भी कीमत तय की गई है। नई आबकारी नीति के मुताबिक रात 12 बजे के बाद ठेका खोलने के लिए 20 लाख रुपये सालाना फीस देनी होगी।
ये नियम भी आए नए
- बार और होटल संचालक अब अपने आप-पास के 3 ठेकों में से किसी भी ठेके से शराब खरीद सकेंगे। हालांकि ये तीनों ठेके अलग-अलग लाइसेंसधारी के नाम होने चाहिए। पहले 2 ठेकों से शराब खरीदने की अनुमति थी।
- यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि शराब ठेकेदार अपनी मनमर्जी न चला सकें और अपने रेट पर शराब न बेच सकें।
- नई नीति में आयातित शराब को भी दायरे में लाया गया है। होल सेल से जिस रेट पर ठेकेदार को विदेशी शराब मिलेगी, उस पर 20 फीसदी प्रॉफिट मानकर उस शराब की बिक्री होगी।
- ठेका उसी शख्स को मिलेगा जिसने पिछले कम से कम 3 साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया हो।
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