चाचा से बगावत और उन्हीं के चेहरे पर प्रचार! सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अजित पवार को फटकार
Supreme Court Hearing On NCP Election Symbol Issue : एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के चुनाव चिह्न पर उठे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने अजित पवार की अगुवाई वाले एनसीपी गुट से कहा है कि वह चुनाव प्रचार में शरद पवार की तस्वीरों, नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल न करें। इसके लिए अजित के गुट से दो दिन में एक अंडरटेकिंग दाखिल करने को कहा गया है।
बता दें कि एनसीपी के शरद पवार गुट की ओर से शिकायत की गई थी कि अजित पवार का गुट अभी भी मतदाताओं के सामने शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब चुनाव आने वाले होते हैं तो आपको शरद पवार की जरूरत महसूस होने लगती है। वैसे आपको उनकी कोई जरूरत नहीं महसूस होती। आपकी अलग पहचान है और वोटर्स के बीच उसी के साथ जाएं।
16 मार्च तक मांगा जवाब
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार के गुट से 16 मार्च तक जवाब देने के लिए कहा है। शरद पवार गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक संघवी ने कहा कि अगर आप बराबर का मैदान चाहते हैं तो सिंबल और तस्वीरों का इस्तेमाल न करें। उन्होंने कहा कि एनसीपी का चुनाव चिह्न घड़ी ऐतिहासिक रूप से शरद पवार से जुड़ा हुआ है। अदालत ने अजित पवार गुट से कहा है कि वह अलग चुनाव चिह्न तय करें।
जानिए क्या है पूरा विवाद
6 फरवरी को निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के गुट को असली एनसीपी के तौर पर पहचान दी थी और इसे पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न पर भी कंट्रोल दिया था। इसके बाद शरद पवार गुट ने पार्टी का नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' रख दिया था। 13 फरवरी को उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और 24 फरवरी को अपना नया चुनाव चिह्न 'तुरही बजाता हुआ व्यक्ति' पेश किया था।
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