EXIT POLL: कई बार गलत साबित हो चुके एग्जिट पोल, कहीं दोहरा न जाए 2004 का इतिहास!
Lok Sabha Elections 2024: एक जून को अंतिम फेज की वोटिंग के बाद 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने में अब कुछ ही समय बाकी है। एक जून शाम को जो एग्जिट पोल सामने आए, उन सभी में पीएम मोदी की सरकार तीसरी बार बनने का दावा किया गया है। जिसके बाद विपक्ष इस सर्वे को फेक बता रहा है। इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कहा है कि यह बीजेपी का सर्वे है। सरकार उनकी ही बनेगी। कई सर्वे में एनडीए को 353 से लेकर 383 सीटें दी गई हैं। एक सर्वे में सीटें 400 पार हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन को 152 से लेकर 182 और अन्य को 4 से 12 सीटें मिलने का अनुमान एग्जिट पोल्स में लगाया गया है। लेकिन एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते। कई बार इनके दावों की हवा निकल चुकी है।
एग्जिट पोल के दावे कब-कब हुए गलत
एग्जिट पोल कितने सटीक होते हैं? इसका उदाहरण 2004 लोकसभा चुनाव से लिया जा सकता है। इस एग्जिट पोल में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार फिर से बनने का दावा किया गया था। एनडीए गठबंधन को 240 से 280 सीटें आने की बात कही गई थी। वहीं, कांग्रेस गठबंधन को लेकर 180-190 सीटें मिलने का संकेत दिया गया था। लेकिन हुआ इससे अलग। एनडीए सिर्फ 181 सीटों पर सिमट गया, वहीं, कांग्रेस गठबंधन ने 218 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
2009 में भी दिख चुका काफी अंतर
कुछ ऐसा ही मामला 2009 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर का अनुमान एग्जिट पोल्स में जताया गया था। लेकिन कांग्रेस गठबंधन को नतीजों में 262 सीटें मिलीं। वहीं, बीजेपी सिर्फ 159 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल हुई। 2014 और 2019 के एग्जिट पोल्स भी सही नहीं कहे जा सकते। 2014 में सभी पोल्स ने एनडीए को 270-280 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। लेकिन एनडीए 336 सीटों पर जोरदार जीत दर्ज कर सत्ता में आया। यानी नतीजों और पोल्स के बीच काफी अंतर देखने को मिला। कुछ ऐसा ही नजारा 2019 के पोल्स में सामने आया।
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एग्जिट पोल्स ने दावा किया था कि बीजेपी गठबंधन 280-300 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। लेकिन परिणाम घोषित होने के बाद एनडीए ने 352 सीटों पर जीत दर्ज की। जो काफी चौंकाने वाला परिणाम था। ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि एग्जिट पोल्स सटीक नहीं हो सकते।