'न्याय को मर्जी का मोहताज नहीं बना सकते', बदलापुर कांड पर भड़के राहुल गांधी
Maharashtra Harassment Case: महाराष्ट्र के बदलापुर में बच्चियों से बदसलूकी का मामला सामने आने के बाद देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद पहले ही देश गुस्से में था। अब महाराष्ट्र के मामले में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। 3 साल की दो बच्चियों का जिस तरह उत्पीड़न किया गया, उससे हर कोई खफा है। अब कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने इस पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि क्या अब एफआईआर दर्ज करवाने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे?
पीड़िताओं के साथ ये कैसा सलूक?
कांग्रेस नेता ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट अपलोड की है। घटना के खिलाफ उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने लिखा है कि कोलकाता, यूपी और बिहार के बाद अब महाराष्ट्र में बेटियों के खिलाफ जो घटना हुई है, वह उनको सोचने पर मजबूर करती है। हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं? यह सोचने वाली बात है। क्या अब FIR रजिस्टर करवाने के लिए भी आंदोलन करने होंगे? आखिर थाने जाने से पहले पीड़ितों को सोचना क्यों पड़ रहा है?
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लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे लिखा है कि बदलापुर में दो मासूमों के साथ इंसाफ देने के लिए तब तक कदम नहीं उठाए गए, जब तक जनता सड़कों पर नहीं आ गई। जनता खुद न्याय की गुहार लगा रही है। लग रहा है कि न्याय दिलाने के बजाय इसे छिपाने के लिए अधिक प्रयास किया गया। महिलाओं और कमजोर वर्गों को निशाना बनाया जा रहा है।
3 अफसर किए गए हैं सस्पेंड
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि FIR ही दर्ज नहीं किए जाने से पीड़ित हतोत्साहित हुई हैं। जिससे अपराध करने वालों का हौसला बढ़ता है। सभी सरकारों, राजनीतिक दलों और नागरिकों को गंभीर मंथन करने की जरूरत है। न्याय हर वर्ग और व्यक्ति का हक है, जिसे पुलिस अपनी मर्जी का मोहताज नहीं बना सकती है। बता दें कि 13 अगस्त को 3 और 4 साल की दो बच्चियों के साथ किंडरगार्टन के शौचालय में चौकीदार अक्षय शिंदे ने शर्मनाक हरकत की थी। 16 अगस्त को एक पीड़िता ने अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी थी। जिसके बाद 17 अगस्त को आरोपी को अरेस्ट किया गया था। इस मामले में महाराष्ट्र में जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। हिंसा और तोड़फोड़ के बीच प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया था। मामले में 3 अफसर सस्पेंड किए गए हैं।
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