वायरल 'पोर्न लेटर' पर गृह मंत्रालय की चेतावनी, आपके इनबॉक्स में मिले तो क्या करें?

Cybercrime News: गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार की ओर से किसी तरह का लेटर नहीं जारी किया गया है। अगर आपको यह लेटर मिलता है तो तुरंत साइबर क्राइम में मामला दर्ज कराएं।

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सोशल मीडिया पर वायरल लेटर को MHA ने चेतावनी जारी की है।

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Cybercrime News: साइबर सेफ्टी और साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरूकता जगाने वाले गृह मंत्रालय के एक्स हैंडल साइबर दोस्त ने सोशल मीडिया पर वायरल एक पोर्न लेटर के बारे में लोगों को चेताया है। दरअसल इस लेटर के जरिए फर्जीवाड़ा करने वाले हैकर, रिसीवर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बच्चों के यौन शोषण का आरोप लगाकर फर्जीवाड़ा करते हैं।

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21 अगस्त को अपने पोस्ट में साइबर दोस्त ने पोस्ट को री-शेयर करते हुए लिखा कि 'इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर' ने कथित तौर पर एक लेटर जारी किया है। इसके जरिए रिसीवर पर कई आरोप लगाए जाते हैं और फिर उससे जवाब मांगा जाता है। साइबर दोस्त ने अपने पोस्ट में कहा कि यह लेटर फेक है और केंद्र सरकार की ओर से इस तरह का कोई भी लेटर जारी नहीं किया गया है।

खबरों के मुताबिक यह लेटर दो लेटरहेड से जारी किया गया है। एक लेटरहेड गृह मंत्रालय के नाम से है और दूसरा भारतीय पुलिस सेवा के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के नाम से है।

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लेटर के साथ भेजे जा रहे ईमेल में हैकर एडीजी संदीप खीरवार, एडीजी हेडक्वार्टर और साइबर क्राइम एंड इकोनॉमिक ऑफेंस डिपार्टमेंट की ओर से यूजर के इंटरनेट प्रोटोकॉल की जांच का हवाला देते हैं। मेल में कहा जाता है कि एनालिसिस में पाया गया है कि आप गुप्त तरीके से ऑफिस या घर पर बैठकर जुवेनाइल पोर्नोग्राफिक वेबसाइट देख रहे हैं।

इसके साथ ही मेल में भी यह भी कहा जाता है कि गृह मंत्रालय, दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के साथ मिलकर साइबर क्राइम से जुड़े सभी कॉम्प्लेक्स और संवेदनशील मामलों की जांच करता है। इनमें वे मामले भी शामिल हैं, जो महिलाओं और बच्चों से जुड़ी हैं।

आपको मिले लेटर तो क्या करें

तकनीक के जमाने में स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए एडवांस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि घबराएं नहीं और किसी भी तरह के मामले में तुरंत साइबर क्राइम डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज कराएं।

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