Modi 3.0 में सुरक्षा पर होगा स्पेशल फोकस, मोदी सरकार के सामने ये होंगे 5 सबसे बड़े चैलेंज
5 Big Challenges in Modi 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल ने आज से अपना चार्ज संभाल लिया है। पीएम मोदी समेत सभी 71 मंत्री अपने काम पर लग गए हैं। मंत्रिमंडल की लिस्ट आने के बाद सभी की नजर सीसीएस (Cabinet Committee on Security) पर थी। पीएम मोदी खुद सीसीएस के अध्यक्ष बने हैं तो वित्त, विदेश, रक्षा और गृह मंत्रालय जैसे चारों अहम मंत्रालय भी सीसीएस का हिस्सा हैं।
इटली जाएंगे पीएम मोदी
मोदी 3.0 के इस कदम से साफ है कि तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता होगी। आगामी 13 जून को इटली में जी-7 की मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी इटली का रुख करेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी पीएम मोदी के साथ इटली जाएंगे। वहीं शपथ लेने के बाद ये पीएम मोदी का पहला विदेश दौरा होगा। जी-7 के मंच पर पीएम मोदी किन मुद्दों पर बात करेंगे, इसका सभी को इंतजार है।
नए आर्मी चीफ का चयन
आर्मी चीफ मनोज पांडे का कार्यकाल इसी महीने के अंत में समाप्त हो जाएगा। 30 जून को आर्मी चीफ की रिटायरमेंट है। खबरों की मानें तो देश के अगले आर्मी चीफ के लिए पीएम मोदी ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का चुनाव किया है। उपेंद्र द्विवेदी 2 साल तक उत्तरी सेना कमांडर रह चुके हैं। साथ ही उन्हें क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म का भी काफी अनुभव है। हाल ही में रियासी आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए सही आर्मी चीफ का सेलेक्शन बेहद जरूरी हो गया है।
IB चीफ का भी कार्यकाल पूरा
30 जून को आर्मी चीफ के साथ-साथ आईबी चीफ (Intelligence Bureau) तपन डेका का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। पिछले दो सालों के कार्यकाल में उन्होंने इस्लामिस्ट और माओवाद के कई मंसूबों को नाकाम किया है। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानने वाली बीजेपी अब किसे IB की कमान सौंपेगी ये देखने दिलचस्प होगा।
पाकिस्तान, चीन और ग्लोबल मीडिया
लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग 83 चैनलों को इंटरव्यू दिया। मगर इसके बावजूद पाकिस्तान और चीन ने पीएम मोदी को हराने के लिए काफी प्रोपगेंडा फैलाया। रूस ने भी लोकसभा चुनाव में विदेशी ताकतों की दखलअंदाजी का दावा किया था। जाहिर है मोदी 3.0 में पाकिस्तान और चीन के साथ-साथ ग्लोबल मीडिया से निपटना बड़ा चैलेंज हो सकता है।
मैरीटाइम सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक
सुरक्षा के लिहाज से मैरीटाइम सिक्योरिटी भारत सरकार के लिए रास्ते का रोड़ा बन सकती है। खासकर इंडो-पैसिफिक और हिन्द महासागर में चीन का बढ़ता प्रभाव मोदी सरकार को बड़े फैसले लेने पर मजबूर कर सकता है।