पेंशन पर सरकार का बड़ा फैसला, मोदी सरकार लाई UPS
Modi Cabinet Approves UPS : केंद्र की मोदी सरकार ने नई पेंशन योजना की घोषणा कर दी। इस नई पेंशन योजना का नाम है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को काफी लाभ मिलेगा। साथ ही अब सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा।
एक अप्रैल 2025 से लागू होगी UPS
मोदी सरकार ने अगले साल एक अप्रैल से यूपीएस लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट के तुरंत पहले के अंतिम 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। अगर किसी पेंशनभोगी को मौत होती है तो उसके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत परिवार को मिलेगा।
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10 साल के बाद नौकरी छोड़ी तो मिलेगी 10 हजार पेंशन
यूपीएस के तहत अगर कोई कर्मचारी 10 साल के बाद नौकरी छोड़ता है तो उसे हर महीने 10 हजार रुपये न्यूनतम पेंशन मिलेगी। अब पेंशन के लिए सरकारी कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा। केंद्र सरकार 18 प्रतिशत अंशदान करेगी। रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के अलावा अलग से एकत्रित राशि भी मिलेगी। हर 6 महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन और डीए) का 10वां हिस्सा जुड़कर रिटायरमेंट पर मिलेगा। साथ ही इस नई पेंशन स्कीम के तहत महंगाई इंडेक्सेशन का भी लाभ मिलेगा।
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क्या है एनपीएस?
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) भारत सरकार की ओर से शुरू की गई एक पेंशन स्कीम है। यह पेंशन कम इंवेस्टमेंट योजना है, जिसमें मार्केट के आधार पर रिटर्न मिलती है। अगर कोई 25 वर्षीय व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद 50,000 रुपये प्रति माह पेंशन चाहता है तो उसे एनपीएस में 6,500 रुपये प्रति महीने का इंवेस्टमेंट करना पड़ेगा। वह 35 साल तक निवेश करेगा तब उसे 50 हजार रुपये महीना पेंशन मिलेगा। एनपीएस ब्याज दर 9 प्रतिशत से लेकर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष के बीच है।