मोदी 3.0 इस बार कितनी अलग? कामकाज में क्या-क्या बदलाव, 7 पॉइंट में जानें सबकुछ
Modi Government 3.0 : देश में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने इस बार सबको चौंका दिया। कोई भी पार्टी बहुमत के आंकड़ों को छू नहीं पाई। राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इसके बाद नई सरकार की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी, लेकिन इस बार सहयोगी दलों के सहयोग से मोदी सरकार चलेगी। ऐसे में जो नजारा मोदी के मंत्रिमंडल और संसद के अंदर पिछले दस सालों में नहीं देखने मिला, वो अब मोदी 3.0 में देखने को मिलेगा। आइए मोदी कैबिनेट 3.0 की कुछ खास बातें जानते हैं।
मोदी के बड़े मंत्रालयों पर सहयोगी दलों की नजर
2014-2019 में केंद्र के सभी प्रमुख मंत्रालय पर भाजपा नेताओं का कब्जा था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। सहयोगी दलों की नजरें प्रमुख मंत्रालयों पर टिकी हैं। सूत्रों का कहना है कि जेडीयू और टीडीपी के वरिष्ठ नेता मोदी कैबिनेट में शामिल होंगे और चिराग पासवान भी अहम भूमिका में नजर आएंगे। रेल और वित्त जैसे अहम मंत्रालय सहयोगी नेताओं के पास जा सकते हैं।
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बड़े फैसले लेना होगा मुश्किल
मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल में कई बड़े फैसले लिए गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार भी नरेंद्र मोदी यूसीसी समेत कई बड़े फैसले लेने के मूड में है, लेकिन अब इन्हें सदन में पास कराना कठिन होगा। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह कई बार समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कर चुके हैं, लेकिन विपक्ष के साथ एनडीए के सहयोगी दल भी इसके विरोध में हैं।
जनगणना कराने का रहेगा दबाव
देश में ऐसे तो हर 10 साल में जनगणना होती है, लेकिन कोविड-19 की वजह से 2021 में जनगणना नहीं हो पाई। सीएम नीतीश कुमार लगातार केंद्र सरकार से जनगणना करने की मांग कर रहे हैं। अब एनडीए के सहयोगी दलों की मांग पर मोदी 3.0 में देशव्यापी जनगणना हो सकती है।
विपक्ष हुआ मजबूत
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में संसद का नजारा बदला रहेगा। इस बार विपक्ष मजबूत स्थिति में रहेगा और उनकी आक्रामकता सदन में देखने को मिलेगी। पिछले 10 सालों से विपक्षी की संख्या कम थी। ऐसे में किसी मुद्दे पर बहस के लिए उनकी सहभागिता भी कम होती थी, लेकिन इस बार सदन में मुद्दों पर अच्छी बहस देखने को मिलेगी।
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भाजपा का दावा कैसे होगा सच
भारत इस वक्त दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में शामिल है। मोदी समेत भाजपा के दिग्गज नेताओं का दावा है कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगी, लेकिन आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत टॉप 3 में 2027 तक पहुंच सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि भाजपा का दावा कैसे सच होगा?
वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना आसान नहीं
'वन नेशन वन इलेक्शन' की नीति मोदी सरकार 3.0 लागू कर सकती है। इसके तहत पूरे देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा समेत सारे लोकल चुनाव होंगे। अब इस नीति को लागू करना एनडीए सरकार के लिए आसान नहीं है, क्योंकि विपक्ष इसका विरोध कर सकता है।
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अग्निवीर योजना की हो सकती है समीक्षा
लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने अग्निवीर योजना के मुद्दे को उठाया था, जिसका असर चुनावी नतीजों में भी देखने को मिला। जेडीयू के नेता भी इस योजना की समीक्षा करने की मांग कर चुके हैं। विपक्ष और एनडीए के सहयोगी दलों के दबाव में मोदी सरकार 3.0 को अग्निवीर योजना की समीक्षा करानी पड़ सकती है।