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इस साल किसानों के लिए कैसा रहेगा मानसून? Skymet Weather ने जारी किया पूर्वानुमान

Skymet Weather Forecasts Monsoon : स्काईमेट वेदर के अनुसार इस साल भारत में मानसून की स्थिति सामान्य रहेगी। हालांकि, इसके पूर्वानुमान में देश के कई हिस्सों में असमान बारिश होने की आशंका भी जताई गई है। पढ़िए क्या कहता है इस कंपनी का मानसून को लेकर पूर्वानुमान।
01:11 PM Apr 09, 2024 IST | Gaurav Pandey
Representative Image (Pixabay)
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Monsoon Prediction For 2024 : मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) ने इस साल भारत के लिए मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई है। स्काईमेट ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत में जून से सितंबर तक 102 प्रतिशत के हिसाब से सामान्य रहने वाला है। इसमें 5 प्रतिशत की कमी या इजाफा हो सकता है। इस दौरान 868 मिलीमीटर बारिश होने की उम्मीद है। इससे पहले 12 जनवरी को जारी पूर्वानुमान में भी एजेंसी ने मानसून सामान्य रहने की बात कही थी।

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सीजन की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है। इसके पीछे की वजह स्काईमेट ने अल नीनो से ला नीना में तेज बदलाव बताई है। साथ ही पूरे सीजन में बारिश का वितरण अलग-अलग और असमान रहने की संभावना है। स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा कि अल नीनो तेजी से ला नीना में बदल रहा है। ला नीना के वर्षों में मानसून का सर्कुलेशन तेज होता है। साथ ही सुपर अल नीनो का मजबूत ला नीना में बदलना ऐतिहासिक रूप से बेहतर मानसून की स्थिति बनाता है।

मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) ने इस साल भारत के लिए मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई है। स्काईमेट ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत में जून से सितंबर तक 102 प्रतिशत के हिसाब से सामान्य रहने वाला है। इसमें 5 प्रतिशत की कमी या इजाफा हो सकता है। इस दौरान 868 मिलीमीटर बारिश होने की उम्मीद है। इससे पहले 12 जनवरी को जारी पूर्वानुमान में भी एजेंसी ने मानसून सामान्य रहने की बात कही थी।

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देरी से हो सकती है मानसून सीजन की शुरुआत

सीजन की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है। इसके पीछे की वजह स्काईमेट ने अल नीनो से ला नीना में तेज बदलाव बताई है। साथ ही पूरे सीजन में बारिश का वितरण अलग-अलग और असमान रहने की संभावना है। स्काईमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा कि अल नीनो तेजी से ला नीना में बदल रहा है। ला नीना के वर्षों में मानसून का सर्कुलेशन तेज होता है। साथ ही सुपर अल नीनो का मजबूत ला नीना में बदलना ऐतिहासिक रूप से बेहतर मानसून की स्थिति बनाता है। लेकिन, मानसून की शुरुआत अल नीनो के बाकी प्रभावों की वजह से नुकसान के खतरे के साथ हो सकती है।

किन राज्यों में कैसी बरसात होने की है संभावना?

सीजन के दूसरे हिस्से में पहले के मुकाबले स्थिति बेहतर होगी। एजेंसी ने दक्षिणी, पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी इलाकों में पर्याप्त और अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बढ़िया बरसात होने की संभावना है। लेकिन बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जुलाई और अगस्त के दौरान कम बारिश होने की आशंका जताई गई है। वहीं, सीजन के शुरुआती चरण में उत्तर-पूर्वी भारत में बारिश सामान्य से कम रहने की उम्मीद है।

मानसून को लेकर आईएमडी का पूर्वानुमान क्या?

बता दें कि उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किसानों की संख्या अच्छी-खासी है। देश की कृषि भूमि का लगभग आधा हिस्सा सिंचाई के लिए मानसूनी बारिश पर निर्भर करता है, जिसके पास सिंचाई का कोई और साधन नहीं है। इस हिस्से पर धान, बाजरा, गन्ना, कॉटन और सोयाबीन जैसी फसलें उगाई जाती हैं। बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जताया है कि अगस्त से जून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में 10 से 20 दिन तक लू चल सकती है। सामान्य रूप से यह अवधि 4 से 8 दिन की रहती है।

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