Happy Mother's Day: राहुल गांधी से तेजस्वी यादव तक, मां के साथ खास है इन बड़े नेताओं का कनेक्शन
Mother's Day Political Leaders: आज पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जा रहा है। आम से लेकर खास लोग तक मां को इस स्पेशल दिन की मुबारकबाद देते नजर आ रहे हैं। सत्ता के गलियारों में भी मदर्स डे की सुगबुगाहट देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह तड़के ही अपनी मां हीराबेन मोदी के साथ वीडियो शेयर करके हर किसी को भावुक कर दिया है। हालांकि देश के कई बड़े राजनेताओं को सियासी गुण सिखाने में उनकी मां का अहम योगदान रहा है।
सोनिया गांधी
कांग्रेस की हाईकमान कही जाने वाली सोनिया गांधी ने ना सिर्फ देश की कमान संभाली बल्कि राहुल गांधी और प्रियंका गाधी को भी सियासत की ट्रेनिंग दी है। राहुल गांधी खुद सार्वजनिक मंच से अपनी मां को खुद का सबसे बड़ा सपोर्टर बता चुके हैं तो प्रियंका और सोनिया की बॉन्डिंग भी कई बार कैमरे में कैद हो चुकी है।
मेनका गांधी
गांधी परिवार की छोटी बहू मेनका गांधी ने भी बेटे वरुण गांधी का हमेशा साथ दिया है। हाल ही में बीजेपी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं दिया। मगर इस मुश्किल घड़ी में भी मेनका बेटे के साथ नजर आईं। मेनका ने मीडिया के सामने बयान देते हुए कहा कि वरुण को टिकट ना देना पार्टी का फैसला है लेकिन वरुण ने सासंद के रूप में बेहतरीन काम किया है और वो आगे भी देश के लिए काम करते रहेंगे।
राबड़ी देवी
लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी को भला कौन नहीं जानता? राबड़ी देवी के चारों बच्चे पॉलिटिक्स में एक्टिव हैं। तेज प्रताप यादव से लेकर तेजस्वी यादव, मीसा भारती और रोहिणी यादव तक लालू-राबड़ी के चारों बच्चे सियासत में माहिर हैं। खासकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव राजनीति का जाना-माना चेहरा बन चुके हैं।
विजयाराजे सिंधिया
राजस्थान की पूर्व सीएम रहीं वसुंधरा राजे सिंधिया अपनी मां विजयाराजे सिंधिया को राजनीतिक गुरु बता चुकी हैं। बता दें कि विजयाराजे सिंधिया ने बीजेपी को बनाने में अहम भूमिका निभाई है। वहीं मां से राजनीति के गुण सीखने वाली वसुंधरा राजे ने बेटे दुष्यंत को सियासत विरासत के रूप में सौंप दी है।
बांसुरी स्वराज
देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वाराज भी इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार हैं। बीजेपी ने नई दिल्ली से बांसुरी को प्रत्याशी घोषित किया है। सुषमा बेशक अब इस दुनिया में नहीं रहीं मगर बांसुरी स्वाराज को अक्सर मां के साथ रैलियों में देखा जाता था। बांसुरी ने मां के साथ ही राजनीति में कदम रखा और अब वो मां की विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं।