8 नेशनल हाई स्पीड रोड कॉरिडोर को हरी झंडी, 936 KM पर खर्च होंगे 50655 करोड़, जानिए किन-किन राज्यों को फायदा?
National High Speed Road Corridor Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में हुआ है। केंद्र सरकार ने 8 बड़ी हाई स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जिनके ऊपर 50 हजार करोड़ से अधिक लागत आएगी। ये परियोजनाएं 936 किलोमीटर को कवर करेंगी। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भीड़भाड़ को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है। 50,655 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार के अलावा सफर भी कम होगा। कॉरिडोर परियोजना पूरी होने से आगरा और ग्वालियर के बीच दूरी 50 फीसदी तक कम हो जाएगी। आइए जानते हैं सभी परियोजनाओं के बारे में विस्तार से...
88 KM 6 लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण पर 4613 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना को बिल्ड क्यूपरेट ट्रांसफर (BQT) मोड पर डेवलप किया जाएगा। यह परियोजना उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (श्रीनगर-कन्याकुमारी) के आगरा-ग्वालियर खंड में यातायात क्षमता को 2 गुना से अधिक बढ़ाने के लिए कारगर होगी। इससे यूपी और एमपी आने वाले टूरिस्टों को भी फायदा मिलेगा। जिससे आगरा ग्वालियर के बीच दूरी को 7 फीसदी और यात्रा समय को 50 फीसदी तक कम किया जा सकेगा। यह हाईवे आगरा जिले में देवरी गांव के पास से शुरू होकर ग्वालियर जिले में सुसेरा गांव के पास तक बनेगा।
4 लेन खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना में 231 किलोमीटर का एरिया कवर होगा। जिसे हाइब्रिड एन्यूटी मोड (HAM) में 10,247 करोड़ रुपये से डेवलप किया जाएगा। इससे यातायात क्षमता में 5 गुना वृद्धि होगी। इससे न केवल पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश जाने वालों को राहत मिलेगी। वहीं, खड़गपुर और मोरग्राम के बीच मालवाहक वाहनों के लिए मौजूदा 9 से 10 घंटे की यात्रा को 3 से 5 घंटे तक कम किया जा सकेगा।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को भी सौगात
इसके अलावा 6 लेन थराद डीसा मेहसाणा अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई स्पीड कॉरिडोर के 214 किलोमीटर लंबे हिस्से को कवर किया जाएगा। जिसके ऊपर 10,534 करोड़ की लागत आएगी। इसे भी बीओटी मोड पर बनाया जाएगा। इससे अमृतसर-जामनगर कॉरिडोर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बीच भी संपर्क होगा। जिससे पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्रों को राहत मिलेगी। महाराष्ट्र के प्रमुख बंदरगाहों से यहां आपूर्ति आसान होगी। यह गलियारा राजस्थान (मेहरानगढ़ किला, दिलवाड़ा मंदिर) और गुजरात (रानी का वाव, अंबाजी मंदिर) के प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। यह थराद और अहमदाबाद के बीच की दूरी को 20% और यात्रा के समय को 60% तक कम कर देगा।
4 लेन अयोध्या रिंग रोड के 68 किलोमीटर लंबे हिस्से को कवर किया जाएगा। जिसे हाइब्रिड एन्यूटी मोड (HAM) में 3,935 करोड़ से डेवलप किया जाएगा। इससे एनएच 27 (ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर), एनएच 227ए, एनएच 227बी, एनएन 330, एनएच 330ए और एनएच 135ए पर भीड़भाड़ को कम करने में मदद मिलेगी। जिससे राम मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों को फायदा होगा। लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, अयोध्या हवाई अड्डे और शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों के लिए भी कनेक्टिविटी सुधरेगी।
बिलासपुर, बोकारो और धनबाद को मिलेगा फायदा
5. रायपुर-रांची नेशनल हाईस्पीड कॉरिडोर के पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन के 137 किलोमीटर के हिस्से को हाइब्रिड एन्यूटी मोड से डेवलप किया जाएगा। जिसके ऊपर 4,473 करोड़ लागत आएगी। इससे गुमला, लोहरदगा, रायगढ़, कोरबा और धनबाद के खनन क्षेत्रों के बीच संपर्क बढ़ेगा। वहीं, रायपुर, दुर्ग, कोरबा, बिलासपुर, बोकारो और धनबाद में फायदा मिलेगा।
6-लेन कानपुर रिंग रोड के 47 किलोमीटर लंबे हिस्से को इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण मोड (EPC) मोड में डेवलप किया जाएगा। जिसके ऊपर 3,298 करोड़ की लागत आएगी। यह खंड कानपुर के चारों ओर 6 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग रिंग को पूरा करेगा। इससे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल यात्रा के लिए रसद दक्षता में सुधार होगा।
ब्रह्मपुत्र नदी पर बनेगा पुल
4 लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार भी 121 किलोमीटर तक किया जाएगा। जिस पर 1.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे बिल्ड ऑपरेट टोल मोड में विकसित किया जाएगा। वहीं, 5,729 करोड़ रुपये की लागत से तीन खंडों में एक्सेस-कंट्रोल्ड उत्तरी गुवाहाटी बाईपास (56 किमी), एनएच 27 पर मौजूदा 4 लेन बाईपास को 6 लेन (8 KM किमी) तक चौड़ा किया जाएगा। इसके अलावा एनएच 27 (58 किमी) पर मौजूदा बाईपास का सुधार किया जाएगा। परियोजना के एक हिस्से के रूप में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख पुल का निर्माण भी किया जाएगा।
8 लेन एलिवेटेड नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर विकसित किया जाएगा। जिसकी कुल पूंजी लागत 7,827 करोड़ रुपये आएगी। एलिवेटेड कॉरिडोर पुणे और नासिक के बीच एनएच-60 पर चाकन, भोसरी आदि औद्योगिक केंद्रों के लिए फायदेमंद होगा। इस कॉरिडोर से पिंपरी-चिंचवाड़ के आसपास गंभीर भीड़भाड़ कम होगी। नासिक फाटा से खेड़ के दोनों ओर 2 लेन सर्विस रोड के साथ मौजूदा सड़क को 4/6 लेन में अपग्रेड करने का काम भी किया जाएगा।
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