टीचर नहीं! बच्चे ही तैयार करेंगे एक-दूसरे की रिपोर्ट कार्ड, क्या है NCERT का नया सेल्फ ऑब्जर्वेशन प्रोसेस?
NCERT new self observation process: न्यू जनरेशन लैपटॉप और ऑन लाइन कोचिंग से पढ़ाई करती है। ऐसे में केंद्र सरकार ने भी स्कूलों के पाठ्यक्रम में कई बदलाव किए हैं। अब स्कूलों में स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की इंवॉल्वमेंट बढ़ाई जाएगी। राष्ट्रीय शैक्षिक और अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। इस नए पैटर्न के तहत क्लास में स्टूडेंट्स एक-दूसरे की रिपोर्ट कार्ड बनाएंगे।
किसने तैयार किया प्लान
NCERT हमारे देश में शिक्षा की मानक निर्धारण बॉडी है। जिसके अंतर्गत कई शाखा काम करती हैं, जो समय-समय पर शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे बदलाव और बेहतर तरीकों को स्कूलों में शामिल करने को लेकर सुझाव देती है। इसी कड़ी में परिषद की एक शाखा है परख (PARAKH). जिसने नए समग्र रिपोर्ट कार्ड (HPC) का मसौदा तैयार किया है। जिसमें स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) की कई सिफरिशें दी गई हैं।
ऐसे समझें पूरा प्रोसेस
जानकारी के अनुसार इस प्लान में स्कूलों में बच्चों के पूरे इवैल्यूएशन प्रोसेस को छात्र-केंद्रित' बनाया जाएगा। जिसमें बच्चों को फॉर्म दिया जाएगा। इस फॉर्म में अलग-अलग सवालों के उसे जवाब देने होंगे। मसलन स्कूल में आने का उसका एक्सपीरियंस, क्लास हुई तो टीचर का पढ़ाना कैसा लगा, उसे पढ़ाया हुआ कितना समझ आया। इसके अलावा उसके खुद के बारे में सवाल जैसे उसने क्या पढ़ा, कितना उसे समझ आया, कहां उसे दिक्कत है, वह अपनी पढ़ाई को लेकर खुद में क्या बदलाव करना चाहता है आदि बताना होगा। इसी तरह के कुछ सवाल उसके साथ पढ़ने वाले दोस्तों के बारे में पूछे जाएंगे।
इसके पीछे क्या है मकसद
यहां आपको बता दें कि यह सब नई शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जा रहा है। इसके पीछे छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाना और उनका सेल्फ ऑब्जर्वेशन करना मकसद है। इस नए प्रोसस में बच्चे के माता-पिता को भी शामिल किया जाएगा। उनसे बच्चा के घर पर बिताए समय जैसे वह घर पर पढ़ाई कब और कैसे करता है। वह घर पर कितने समय मोबाइल, टीवी या अन्य कामों को देता है आदि पूछा जाएगा।
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