बिहार के बाद इस स्टेट के CM ने उठाई जातीय जनगणना की मांग, क्या करेगी मोदी सरकार?
Naidu Demand Caste Census: केंद्र की मोदी सरकार इस बार बहुत ही संभलकर चल रही है। वजह सभी जानते हैं कि मोदी सरकार इस बार खुद के दम पर नहीं बल्कि सहयोगियों के सहारे चल रही है। ऐसे में गठबंधन के अन्य सहयोगी देश के ज्वलंत मुद्दों पर लगातार सरकार को परेशानी में डालने वाले मांगें करते रहते हैं। ताजा मामला जातीय जनगणना से जुड़ा है। आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एक इंटरव्यू में कहा कि देश के जातीय जनगणना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कास्ट सेंसस होनी चाहिए।
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार जब आरजेडी के साथ बिहार में सरकार चला रहे थे तब से ही वे प्रदेश में जातीय जनगणना करा चुके थे। इसके बाद उन्होंने आरक्षण की व्यवस्था को भी नए सिरे से लागू किया था। बिहार में एनडीए के अन्य सहयोगी चिराग पासवान और जीतन राम मांझी भी जातीय जनगणना की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा यूपी से अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद और ओपी राजभर भी बीजेपी से जातीय जनगणना को लेकर कह चुके हैं। ऐसे में अब नायडू की मांग ने भी बीजेपी को बड़ा झटका दिया है।
जातीय जनगणना होनी चाहिए
टीडीपी प्रमुख और आंधप्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू ने कहा कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। यह जनता की भावनाओं के अनुरूप है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। नायडू ने कहा कि आप जातिगत जनगणना कराएं। फिर आर्थिक विश्लेषण करें। इसके बाद स्किल सेंसस भी करें। इससे पता चलेगा कि किसकी क्या स्थिति है?
गरीबी सबसे बड़ा मुद्दा
नायडू ने आगे कहा कि देश में गरीबी सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां तक कि आप निचली जाति से हैं और पैसे वाले हैं तो आपका सम्मान करेंगे। लेकिन अगर आप ऊंची जाति के हैं और गरीब है तो कोई आपको महत्व नहीं देगा। यही सच्चाई है। ऐसे में आर्थिक स्थिति ही समानता का सबसे बड़ा पैमाना है।
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संघ भी कर चुका है डिमांड
बता दें कि एनडीए के सहयोगियों के अलावा आरएसएस ने भी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मीटिंग के बाद बयान देकर कहा था कि अगर समाज को इसकी आवश्यकता है तो जातीय जनगणना कराई जा सकती है, लेकिन इसका प्रयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं होना चाहिए।
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