NEET Cheating Case: नकल कांड में गोधरा पहुंची CBI, गुजरात सरकार ने सौंपी जांच की कमान
भूपेंद्र ठाकुर, गोधरा
NEET Exam Cheating 2024 : NEET परीक्षा में पेपर लीक के मुद्दे पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। एक तरफ इस मामले की जांच बिहार में चल रही है तो वहीं दूसरी ओर गुजरात सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई की टीम सोमवार को गुजरात के गोधरा पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई के 5 अधिकारी सोमवार को गोधरा सर्किट हाउस पहुंचे। पंचमहल जिले के पुलिस अधीक्षक हिमांशु सोलंकी भी यहां मौजूद रहे।
दिल्ली से गोधरा पहुंची सीबीआई टीम ने सर्किट हाउस में गोधरा एसपी और जांच अधिकारी डिप्टी एसपी से केस के कई पहलुओं पर जानकारी हासिल की। इनमें NTA की ओर से दी गई कैंडिडेट्स की जानकारी और OMR शीट के बारे में जानकारी भी शामिल है। मामले में जब्त किए गए दस्तावेज, नकदी, कार और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल भी सीबीआई करेगी। इसके अलावा गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों से पूछताछ के लिए उनके ट्रांजिट रिमांड की भी तैयारी की जा रही है।
10 लाख में पास करा रहे थे आरोपी
पुलिस ने सीबीआई को ये भी बताया है कि उसे NTA की ओर से गुजरात के बाहर के छात्रों के नाम और पते की डिटेल्स उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। इसमें संदिग्ध प्रतीत होने वाले 16 छात्रों में से 10 गुजरात के हैं जबकि 6 अन्य राज्यों के हैं। बता दें कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सतर्कता के चलते जय जालाराम स्कूल में चल रही NEET परीक्षा में नकल कांड को असफल बना दिया गया था। उल्लेखनीय है कि इसमें 10 लाख रुपये लेकर परीक्षा में पास करवाने की साजिश रची गई थी।
फिलहाल इस केस में गोधरा में गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपी हिरासत में हैं। दरअसल कलेक्टर को मिली सूचना के आधार पर गोधरा के जय जालाराम स्कूल के NEET एग्जाम सेंटर का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान पता चला कि छात्रों से पैसे लेकर पास कराने का खेल हुआ है। मामले में शिकायत दर्ज की गई। जांच के बाद स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, कोचिंग सेंटर संचालक परशुराम राय, विभोर और बिचौलिए आरिफ वोरा को गिरफ्तार किया गया।
नकदी समेत क्या-क्या हुआ बरामद
जांच में पता चला कि आरिफ वोरा ने तुषार भट्ट की एजेंट के तौर पर छात्रों से मुलाकात करवाई थी। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने छात्रों से परीक्षा पास कराने के लिए 10 लाख रुपये प्रति छात्र के हिसाब से डील की थी और 7-7 लाख रुपये एडवांस लिए थे। पुलिस को तुषार भट्ट के फोन से परशुराम रॉय के साथ चैट में कुछ तस्वीरें मिलीं, जिनमें 11 छात्रों के नाम, रोल नंबर और उनके एग्जाम सेंटर का पता लिखा था। इसके अलावा उसकी कार से 7 लाख रुपये कैश भी बरामद किए थे।
वहीं, परशुराम रॉय के घर से 2 करोड़ 30 लाख रुपये के चेक और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। जांच में यह बात सामने आई कि आरिफ वोरा और वडोदरा की रॉय ओवरसीज के मालिक परशुराम रॉय की भूमिका छात्रों से पैसे लेकर पास कराने में है। भट्ट ने एडवांस राशि देने वाले छात्रों को ओएमआर शीट को खाली छोड़ देने का निर्देश दिया था। मामले में मुख्य आरोपी तुषार भट्ट और पुरुषोत्तम शर्मा की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिकाएं भी खारिज हो चुकी हैं।