मां को कैसे बताऊं, सुहाग उजड़ गया...ड्राइवर के बेटे ने सुनाई आंखों देखी, बोला- बस को नदी में गिरते देखा

Bus Accident in Nepal: नेपाल बस हादसे के प्रत्यक्षदर्शी ने हादसे की कहानी सुनाई है, जो हादसे का शिकार हुई बस के ड्राइवर का बेटा है। उसने पुलिस को बताया कि बस नदी में कैसे गिरी और किस तरह वह बेबस पिता और यात्रियों को मौत के मुंह में जाते देखता रहा, लेकिन कुछ कर नहीं पाया।

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बस ड्राइवर की न लाश मिली है और न ही कोई सुराग लगा है।

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Nepal Bus Accident Eyewitness Statement: नेपाल में तनहुन जिले से गुजर रही मार्सयांगडी नदी में बस को गिरते हुए ड्राइवर के बेटे ने आंखों से देखा था। वह दूसरी बस ड्राइव कर रहा था और हादसे का शिकार हुई बस के पीछे ही उसकी बस थी, लेकिन जैसे ही उसने बस को नदी में गिरते देखा, अपनी बस रोककर वह दौड़कर गया। इससे पहले कि वह कुछ कर पाता, कुछ समझ पता, बस 500 फीट नीचे नदी में समा चुकी थी। जी हां, हादसे का शिकार हुई बस के ड्राइवर की शिनाख्त गोरखपुर के गांव पिपराइच के अहमद अली शाह तुर्रा बाजार निवासी मुर्तजा के रूप में हुई, जो हादसाग्रस्त बस को ड्राइव कर रहा था। उसका बेटा इब्राहिम दूसरी बस ड्राइव कर रहा था। उसी ने पिता की बस को नदी में गिरते देखा। इब्राहिम ने भाई को फोन पर हादसे की पूरी कहानी सुनाई।

 

इब्राहिम ने सुनाई बस हादसे की आंखों देखी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बस ड्राइवर मुर्तजा के बेटे इब्राहिम ने भाई हसनैन को हादसे के बारे में बताया। उसने हसनैन से माफी भी मांगी कि वह अब्बू को बचा नहीं पाया। उसकी आंखों के सामने अब्बू की बस नदी में गिर गई और वह कुछ नहीं कर पाया। इब्राहिम ने बताया कि सब सही था। मौसम साफ था और पिता काठमांडू जाने के लिए टूरिस्टों को लेकर निकले थे। पीछे-पीछे वह बस ड्राइव कर रहा था, अचानक पिता मुर्तजा की बस को खाई में गिरते देखा। वह दौड़कर गया, लेकिन उसका दिमाग सन्न हो गया था। वह पिता और यात्रियों के लिए कुछ कर नहीं पाया, बस चीखता चिल्लाता रहा। इब्राहिम ने बताया कि 3 साल पहले एक भाई को उसने डंपर हादसे में खो दिया था। आज उसकी आंखों के सामने पिता भी मौत के मुंह में समा गए। अब परिवार में मां, छोटा भाई और 2 बहनें बची हैं।

 

ड्राइवर ने पत्नी-बच्चों से की थी आखिरी बात

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इब्राहिम ने बताया कि वह और पिता मुर्तजा लंबे समय से केशरवानी ट्रेवल्स से जुड़ थे। दोनों टूरिस्टों को नेपाल ले जाया करते थे। 16 अबस्त को भी दोनों साथ-साथ नेपाल के लिए निकले थे। 29 अगस्त को वापस आना था, लेकिन इस बार का सफर पिता का आखिरी सफर साबित होगा, सोचा नहीं था। मां शुगर और बीपी से ग्रस्त हैं। उनकी तबियत ठीक नहीं थी तो काठमांडू के लिए निकलने से पहले मुर्तजा ने घर फोन किया था। दोनों बेटियों से बात की और उसने खाना खाने के बारे में पूछा। वीडियो कॉल किया था और बेटियों ने मां की तबियत ठीक नहीं होने की बात कही थी। मुर्तजा ने उन्हें मां का इलाज नेपाल में कराने को कहा था। इब्राहिम यह कहते हुए फूट-फूट कर रोने लगा कि मां को कैसे बताऊं की उसका सुहाग उजड़ गया। अब पिता कभी वापस नहीं आएंगे।

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