UP Roadways की बस नहर में कैसे गिरी? 27 की मौत, नेपाल हादसे का असली सच आया सामने
Nepal Bus Accident Inside Story: भारतीय यात्रियों से भरी बस नेपाल में तनहुन जिले से गुजर रही मार्सयांगडी नदी में गिर गई। बस में करीब 43 लोग सवार थे, जिनमें से 27 लोगों की मौत हो चुकी है। मारे गए 27 लोगों में 24 भारतीय शामिल हैं, जिनके शव आज भारत पहुंचेंगे। भारतीय वायुसेना का IAF एयरक्राफ्ट शवों को लेने नेपाल जाएगा। हादसे में मारे गए 24 भारतीय महाराष्ट्र के रहने वाले थे। वे मुंबई से करीब 470 किलोमीटर दूर जलगांव जिले के वरणगांव, दरियापुर, तलवेल और भुसावल गांव के निवासी थे। 16 लोगों की मौत मौके पर हो गई थी और 11 लोगों ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ा। त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में शवों को रखा गया है। घायल भी उसी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। वहीं पुलिस जांच में हादसा होने की वजह सामने आई है।
500 फीट नीचे कैसे गिरी बस?
नेपाल पुलिस के सूत्रों के अनुसार, भारतीय टूरिस्टों से भरी बस तनहुन जिले के आइना पहाड़ा में हादसे का शिकार हुई। सड़क से करीब 500 फीट नीचे खाई में गिरी। वहीं हादसा बैलेंस बिगड़ने से हुआ। सड़क पर मोड़ काटते समय बस का बैलेंस बिगड़ा और वह नीचे नदी में गिर गई। बस के ड्राइवर और कंडक्टर अभी लापता हैं, वहीं घायलों का कहना है कि बस की स्पीड भी काफी तेज थी। बस नेपाल के पोखरा शहर से राजनधानी काठमांडू की तरफ जा रही थी कि हादसे का शिकार हो गई।
तनहुन के मुख्य जिला अधिकारी जनार्दन गौतम के अनुसार, हादसे की सूचना एक राहगीर ने पुलिस को दी। पुलिस जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची। NDRF, सशस्त्र पुलिस बल और सेना के 45 जवानों की टीम ने नदी में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर में मेडिकल टीम हादसास्थल पर पहुंची। उत्तर प्रदेश से महाराजगंज SDM नेपाल पहुंच गए हैं। वहीं भुसावल विधायक संजय सावकारे और महाराष्ट्र भाजपा जिला अध्यक्ष अमोल जावले भी नेपाल पहुंच गए हैं।
धार्मिक स्थलों की यात्रा पर गए थे टूरिस्ट
गोरखपुर DM कृष्णा करुणेश के अनुसार, नदी में गिरी बस गोरखपुर के केसरवानी टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी और इसका नंबर UP53FT7623 है। इस बस को महाराष्ट्र के लोगों ने बुक किया था। करीब 3 बसें बुक की गई थीं, जिनमें 100 से ज्यादा पैसेंजर्स सवार थे। सभी पैसेंजर्स प्रयागराज और अयोध्या प्रवास के बाद 20 अगस्त को नेपाल पहुंचे थे। तीनों बसें 10 दिन नेपाल में रुकतीं। तीनों बसों के पैसेंजरों के रुकने की व्यवस्था नेपाल के मुगलिंग में थी। जिस जगह हादसा हुआ है, वह नेपाल का लैंडस्लाइड प्रोन एरिया है।