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Nipah Virsus कितना खतरनाक? 14 साल के बच्चे की मौत, 60 से ज्यादा संक्रमित, एडवाइजरी जारी

Virus Spreading in Kerala: देश में चांदीपुरा वायरस का कहर खत्म नहीं हुआ, निपाह वायरस ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। केरल में मरीज मिला है, जिसकी आज सुबह मौत हो गई। उसके संपर्क में आए लोगों को ट्रेस किया जा रहा है।
10:54 AM Jul 21, 2024 IST | Khushbu Goyal
वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लोगों को सतर्क किया गया है।
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Nipah Virus Outbreak Update: चांदीपुरा वायरस के बाद अब देश में निपाह वायरस का संक्रमण फैलने लगा है। पहले मामले केरल राज्य में मिल रहे हैं। 14 साल का बच्चा संक्रमित हुआ था, जिसकी आज मौत हो गई। उसके पिताऔर चाचा भी आज निजी अस्पताल में भर्ती हुए हैं और सरकारी अस्पताल में भर्ती करने को आदेश हैं। उसके ब्लड सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) में भेजे गए हैं।

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डॉक्टरों ने उसके संपर्क में आने वाले लोगों को भी ट्रेस करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, करीब 60 लोग इस संक्रमण की चपेट में हैं और इन लोगों के ब्लड सैंपल लेकर इन्हें एकांतवास में भेज दिया गया है। केरल के हेल्थ मिनिस्टर वीणा जॉर्ज ने बच्चे के वायरल से संक्रमित होने की पुष्टि करते हुए लोगों को एडवाइजरी का पालन करने को कहा है। आइए जानते हैं इस निपाह वायरस के बारे में और यह कितना खतरनाक हो सकता है?

 

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केरल पहले भी वायरस की चपेट में आ चुका

केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने पहला मरीज सामने आते ही हाई लेवल मीटिंग बुला ली है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय अभी से करें। संक्रमण का सेंटर पॉइंट पांडिक्कड़ है। मंत्री वीणा ने मीडिया कर्मियों को बताया कि अब से पहले 4 बार केरल में निपाह वायरस कहर ढहा चुका है।

कोझिकोड में ही साल 2018, 2021, 2023 में निपाह वायरस फैला था। 2019 में एर्नाकुलम में निपाह से संक्रमित मरीज मिले थे। 4 बार में 17 लोगों की जान गई थी। 2023 में इस वायरस के मिलने की पुष्टि हुई थी। कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम, एर्नाकुलम के चमगादड़ों पर रिसर्च की गई तो उनमें निपाह वायरस के एंटीबॉडी मिले।

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निपाह वायरस कितना खतरनाक हो सकता है?

निपाह एक जेनेटिक वायरस है। यह चमगादड़ों और सूअरों से इंसानों में फैलता है। इस वायरस का संक्रमण होने से लोगों की जान तक चली जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट में निपाह वायरस का जिक्र किया गया है। इस संक्रमण का पहला केस साल 1998 में मलेशिया के गांव सुंगई निपाह में मिला था। इसलिए इस वायरस का नाम भी निपाह रख दिया गया। इस गांव के लोग सूअरों को पालते थे।

इन्हीं से संक्रमण इंसानों तक पहुंचा और इंसानों के जरिए कुत्तों, बिल्ली, बकरी, घोड़ों तक पहुंचा। साल 1998 में ही एक संक्रमित मरीज सिंगापुर में और साल 2001 में बांग्लादेश में वायरस से संक्रमित मरीज मिले थे। डॉक्टरों के अनुसार, निपाह वायरस इन तीनों देशों से ही भारत में पहुंचा है, जो इंसान के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को इफेक्ट करता है। इस वजह से यह खतरनाक हो सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है।

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हेल्थ मिनिस्टर की एडवाइजरी फॉलो करने की सलाह

केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने प्रदेशवासियों को अलर्ट करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार और WHO द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का पालन करें। लोग अपने घर से चमगादड़ों को निकाले नहीं, क्योंकि उनको नुकसान पहुंचने से संक्रमण फैल सकता है। मक्खी-मच्छरों से संक्रमित फल और सब्जियां भी न खाएं। वायरल इंफेक्शन से संक्रमित लोगों से दूर रहें। मास्क लगाएं और अपने आपको बिल्कुल साफ रखें।

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Health Advisorynipah virusNipah virus in Keralanipah virus outbreak kerala
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