वो 10 चेहरे कौन? उमर अब्दुल्ला के मंत्रिमंडल में हो सकते हैं शामिल, आज ही शपथ लेने की संभावना
Omar Abdullah Probable Cabinet Ministers: जम्मू कश्मीर में आज 10 साल बाद प्रदेश सरकार बनने जा रही है। साल 2014 के बाद और अगस्त 2019 में धारा 370 और 35A हटाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव हुए। 3 चरणों में 19 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान हुआ। 8 अक्टूबर को मतगणना हुई और चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने जीता। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को सर्वसम्मति से 10 अक्टूबर को NC विधायक दल का नेता चुना गया। 11 अक्टूबर को LG मनोज सिन्हा से मुलाकात करके उमर अब्दुल्ला ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।
आज 16 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में समारोह होगा और प्रदेश के उप-राज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। शपथ लेते ही उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बन जाएंगे। शपथ ग्रहण करने के बाद वे दोपहर 3 बजे श्रीनगर में प्रशासनिक सचिवों की बैठक लेंगे। वहीं उमर अब्दुल्ला के साथ 8 से 10 नेता मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं...
उमर अब्दुल्ला के साथ शपथ ले सकते ये नेता
सूत्रों के अनुसार, सकीना इटू, मीर सैफुल्लाह, अब्दुल रहीम राथर, अली मोहम्मद सागर, सलमान सागर, जावेद राणा, सुरिंदर चौधरी, सज्जाद शाहीन, सतीश शर्मा, फारूक शाह, नजीर अहमद, अहमद मीर, हसनैन मसूदी, तनवीर सादिक में से किन्हीं 8 से 10 लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है।
दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार आज उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उनके 4 मंत्री (2 जम्मू से और 2 कश्मीर से) ही आज श्रीनगर में शपथ लेने वाले हैं। आज कोई भी कांग्रेस विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेगा। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 2 मंत्री पद की मांग कर रही थी, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से केवल एक मंत्री पद की पेशकश की गई थी। आम सहमति न बन पाने के कारण कांग्रेस ने फिलहाल मंत्रालयों से दूर रहने का फैसला किया है।
उमर अब्दुल्ला कौन-सी सीट छोड़ेंगे?
बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल 2 सीटों वे विधानसभा चुनाव लड़ा था और वे दोनों सीटों से जीत गए। अब चर्चा है कि मुख्यमंत्री बनने पर उमर अब्दुल्ला दोनों में से कौन-सी सीट छोड़ेंगे? सियासी गलियारों में चर्चा है कि उमर अब्दुल्ला गांदरबल सीट रख सकते हैं और बडगाम सीट छोड़ेंगे। गांदरबल इसलिए क्योंकि साल 2009 में इसी सीट से चुनाव जीते थे और पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। 1977 में उनके दादा शेख अब्दुल्ला भी इसी सीट से चुनाव जीते थे। पिता फारूक अब्दुल्ला भी 3 बार 1983, 1987, 1996 में गांदरबल से ही चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उमर अब्दुल्ला दादा-पिता की राह पर चलते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रहे गांदरबल को नहीं छोड़ेंगे।