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क्या 2029 से एक साथ होंगे सभी चुनाव? रामनाथ कोविंद कमेटी ने दिए ये 5 बड़े सुझाव

One Nation One Election Committee Recommendation: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने आज 'एक देश, एक चुनाव' पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुलाम नबी आजाद समेत समिति के अन्य सदस्य भी शामिल रहे।
01:26 PM Mar 14, 2024 IST | Achyut Kumar
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One Nation One Election Committee recommendation: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने 'एक देश, एक चुनाव' यानी 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर आज अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुलाम नबी आजाद समेत समिति के अन्य सदस्य भी शामिल रहे। अपनी रिपोर्ट में समिति ने 5 सुझाव दिए हैं। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...

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कितने दलों ने किया वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन?

कोविद कमेटी के सुझाव जानने से पहले यह जान लेते हैं कि कितने दलों ने  वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) का समर्थन किया है। कमेटी ने 47 दलों की राय ली थी, जिसमें से 32 दल एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं, जबकि 15 दल इसके विरोध में हैं। समर्थन करने वाले दलों में बीजेपी, अपना दल और एआईडीएमके शामिल हैं, जबकि विरोध करने वालों में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी और एनसीपी जैसे दल हैं।

समिति ने 5 सुझाव कौन-से दिए?

1- देश को आजादी मिलने के बाद हर 10 साल में दो चुनाव होते थे, लेकिन बाद में चुनाव हर साल होने लगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ। इसलिए हम यह सुझाव देते हैं कि देश में एक साथ चुनाव की व्यवस्था कायम हो। एक साथ चुनाव न होने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है।

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2- पहले चरण में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं। वहीं, इसके 100 दिन बाद नगर पालिका और पंचायत के चुनाव कराए जा सकते हैं।

3- लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के चुनावों को एक साथ कराने के उद्देश्य से समिति ने सिफारिश की है कि राष्ट्रपति, आम चुनाव के बाद लोक सभा की पहली बैठक की तारीख को जारी अधिसूचना द्वारा, इस अनुच्छेद के प्रावधान को लागू कर सकते हैं और अधिसूचना की उस तारीख को नियुक्त तिथि कहा जाएगा।

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4- नियत तिथि के बाद और लोक सभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले राज्य विधान सभाओं के चुनावों द्वारा गठित सभी राज्य विधान सभाओं का कार्यकाल केवल लोक सभा के बाद के आम चुनावों तक समाप्त होने वाली अवधि के लिए होगा। इसके बाद, लोक सभा और सभी राज्य विधान सभाओं के सभी आम चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएंगे।

5- समिति ने यह भी सिफारिश किया कि इस मकसद के लिए एक कार्यान्वयन समूह का गठन किया जा सकता है, जो समिति द्वारा दी गई सिफारिशों के कार्यान्वयन पर ध्यान देगा।

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