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पाकिस्तान ने 'धोखा' दिया, लाहौर समझौता तोड़ा; नवाज शरीफ ने कबूला 'गुनाह', स्पीच सोशल मीडिया पर वायरल

Nawaz Sharif Speech Viral: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की एक स्पीच वायरल हो रही है, जिसमें वे भारत और कारगिल युद्ध की बात कर रहे हैं। उन्होंने लाहौल समझौता तोड़ने वाली गलती मानी और कारगिल युद्ध को पाकिस्तान की उस गलती का नतीजा बताया।
08:44 AM May 29, 2024 IST | Khushbu Goyal
Nawaz Sharif
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Nawaz Sharif Speech Viral: हां, पाकिस्तान ने धोखा दिया, लाहौल समझौता 1999 का उल्लंघन किया। उन दिनों पाकिस्तान की आर्मी के चीफ परवेज मुशर्रफ थे, जिन्होंने सीक्रेट तरीके से सेना को कारगिल में भेजा। इस वजह से ही कारगिल में युद्ध छिड़ा था। भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। 25 साल बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यह गुनाह कबूला है।

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उनकी एक स्पीच सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वे पाकिस्तान की गलती स्वीकार करते दिख रहे हैं। इसमें उन्होंने कहा कि 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन करना पाकिस्तान की गलती थी। इस समझौते पर भारत के तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी हस्ताक्षर थे, लेकिन पाकिस्तान ने इसे तोड़ दिया, जिसका खामियाजा दोनों देशों को भुगतना पड़ा।

 

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मुशर्रफ ने दिए थे कारगिल में घुसपैठ के आदेश

नवाज शरीफ ने अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) की एक बैठक में अपने संबोधन में कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि 28 मई 1998 को पाकिस्तान ने 5 परमाणु परीक्षण किए। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया, लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी। 21 फरवरी 1999 को दोनों युद्धरत पड़ोसियों के बीच शांति समझौते के तहत लाहौर घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।

इसमें कुछ अहम नियमों के साथ-साथ शांति और सुरक्षा बनाए रखने और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की अपील भी थी, लेकिन कुछ महीनों बाद ही जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण कारगिल युद्ध हुआ। मार्च 1999 में परवेज मुशर्रफ ने लद्दाख के कारगिल जिले में घुसने का आदेश पाकिस्तानी सेना को दिया। घुसपैठ का पता चलने के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की और युद्ध छिड़ गया। भारत ने उस युद्ध में जीत हासिल की।

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इमरान खान पर खुलकर बोले नवाज शरीफ

नवाज शरीफ ने पहले परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा कि राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 अरब डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। अगर (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान जैसे व्यक्ति मेरी सीट पर होते तो उन्होंने क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर ली होती। उनके खिलाफ मामला झूठा दर्ज किया गया था, जिसके कारण 2017 में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा रचा गया था, ताकि अब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि मैं इमरान से कहता हूं कि वह हम पर आरोप न लगाएं और बताएं कि क्या पूर्व ISI प्रमुख जनरल जहीरुल इस्लाम ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) को सत्ता में लाने की बात की थी। जब मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने मुझे एक उदाहरण बनाने की धमकी दी।

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