सेक्स का फूहड़पन.. नीले रंग के ईसा मसीह..कटा सिर, किसी भूतिया फिल्म से कम नहीं Paris Olympics की ओपनिंग सेरेमनी
Paris Olympics 2024 opening ceremony Criticism: पेरिस ओलंपिक 2024 ओपनिंग सेरेमनी में कई इवेंट हुए, दुनिया के इस सबसे बड़े खेल सेरेमनी में हुए ये कार्यक्रम इस समय सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर हैं। दरसअल, ओपनिंग सेरेमनी में बिना कपड़ों के एक व्यक्ति को दिखाया गया। यहां तक की एक एक्ट में ईशा मसीह को नीले रंग से पेंट किया गया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग इस सब को ईसाई धर्म का मजाक उड़ाने वाला और सेक्शुअलाइज्ड एक्ट बता दें हैं। आइए आपको इस खबर में बताते हैं कि किस इवेंट पर क्या विवाद मचा हुआ है?
डांसर्स की वेशभूषा को बताया ईसाइयों का मजाक
दरअसल, सेरेमनी में एक इवेंट हुआ जिसका नाम ‘द लास्ट सपर’ था। सोशल मीडिया पर इस एक्ट के फोटो और वीडियो शेयर कर लोग इसमें बच्चे को शामिल किए जाने पर आपत्ति जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि इस इवेंट के चरित्रों और डांसर्स ने जिस तरह के कपड़े और वेशभूषा पहनी वह जीसस और उनके शिष्यों की असली कहानी से मेल नहीं खाती और ईसाइयों की भावनाओं को आहत करती है।
लोगों ने एक्ट को सेक्शुअलाइज्ड करार दिया
ओपनिंग सेरेमनी में जिस तरह ‘द लास्ट सपर’ एक्ट को पेश किया गया है, सोशल पर लोग उस पर आपत्ति जता रहे हैं। लोगों ने इस एक्ट को सेक्शुअलाइज्ड और होमोसेक्शुअलिटी पर आधारित बताया है।
लास्ट सपर के दौरान क्या होता है?
ईसाई धर्म के अनुसार ये ईसा मसीह का क्रूस पर चढ़ने से पहले अपने शिष्यों के साथ आखिरी भोज था। धार्मिक कहानियों में बताया गया है इस दौरान यीशु ने रोटी को आशीर्वाद दिया और उसे तोड़ते हुए अपने शिष्यों से कहा था कि 'लो, खाओ; यह मेरा शरीर है।' फिर उन्होंने उन्हें शराब का प्याला देते हुए कहा, 'यह मेरा खून है।' दरसअल, कहा जाता है कि यीशु के ये शब्द उस क्रूस पर चढ़ने का संदर्भ देते हैं जिसे वे मानव जाति के पापों के प्रायश्चित के लिए भुगतने वाले थे।
ये भी पढ़ें: ओलंपिक में सेक्स के ‘खेल’ पर भड़कीं कंगना रनौत, बोलीं- सेक्सुएलिटी बेडरूम तक क्यों नहीं रह सकती?