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पतंजलि की 30वीं वर्षगांठ पर स्वामी रामदेव की 5 क्रांतिकारी घोषणाएं, 30 साल की यात्रा का किया जिक्र

Patanjali Yogapeeth 30th Anniversary: पतंजलि योगपीठ की 30वीं वर्षगांठ मनाई गई है। इस मौके पर बाबा रामदेव ने 5 क्रांतिकारी प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया। हरिद्वार में पतंजलि वेलनेस सेंटर के सभागार में वर्षगांठ के मौके पर विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
09:39 AM Jan 06, 2025 IST | Khushbu Goyal
Baba Ramdev
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Patanjali Yogapeeth 30th Anniversary: पतंजलि योगपीठ का 30वां स्थापना दिवस मनाया गया है। पतंजलि वेलनेस हरिद्वार के योग भवन सभागार में इस मौके पर भव्य कार्यक्रम हुआ, जिसमें पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष स्वामी रामदेव एवं महामंत्री आचार्य बालकृष्ण भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में देशभर से आए पतंजलि योगपीठ के 6000 से ज़्यादा संयोजकों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने जहां पतंजलि की पिछले 30 सालों की यात्रा के बारे में बात की, वहीं इस मौके पर उन्होंने 5 घोषणाए भी कीं। संगठन की भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बताया। स्वामी रामदेव ने 5 प्रमुख क्रांतियों का आह्वान किया, जिसमें पतंजलि का मिशन देश को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, अर्थव्यवस्था, वैचारिक और सांस्कृतिक बाधाओं से मुक्ति दिलाने तथा बीमारियों, व्यसनों और मानसिक पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने के लिए काम शुरू करना शामिल है।

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पतंजलि योगपीठ के 30 साल पूरे होने के अवसर पर स्वामी रामदेव ने नई प्रतिबद्धता जताते हुए 5 क्रांतियों की शुरुआत करने की घोषणा की है। स्वामी रामदेव ने कहा कि अगले 5 साल में पतंजलि का लक्ष्य 5 लाख स्कूलों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ना है, जिसकी शुरुआत भारत से होगी। फिर यह लक्ष्य दुनियाभर में फैलेगा, जिसमें भारत सबसे आगे रहेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बच्चों को केवल वर्णमाला ही नहीं सिखाई जानी चाहिए, बल्कि उन्हें विषयों का ज्ञान, आत्म-जागरुकता, भारत देश का असली सार बताया जाना चाहिए। अपनी विरासत पर गर्व करना सिखाना चाहिए। अब तक पतंजलि ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है और दुनियाभर में 500 करोड़ से अधिक लोगों ने योग, सनातन धर्म और हिंदू शिक्षाओं को अपनाया है। अब पतंजलि का लक्ष्य बाकी बची दुनिया में अपनी पहचान बनाकर देश के विकास में योगदान देना है।

Yoga Class

1. एजुकेशन सेक्टर

स्वामी रामदेव ने भारत में शिक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जहां देश में 50% से 90% और कहीं-कहीं 99% तक शिक्षित युवा बेरोजगार और नशे की लत में हैं। उनमें चरित्र की कमी है, जिसके कारण बच्चे हतोत्साहित और दिशाहीन हो रहे हैं। पतंजलि ने पहले भारत में और वैश्विक स्तर पर एक नई शिक्षा प्रणाली शुरू करने का फैसला किया है, जिसमें भारत अग्रणी भूमिका निभाएगा। पतंजलि गुरुकुलम, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड अब देश में शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगे। पतंजलि की प्रतिबद्धता अगले 5 वर्षों में 5 लाख स्कूलों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ने की है, जो शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव का संकेत होगा।

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स्वामी रामदेव ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा प्रणाली में केवल शब्द सिखाने पर ही ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि विभिन्न विषयों का ज्ञान, आत्म-जागरुकता, भारत के सच्चे मूल्यों की समझ और देश की गौरवशाली विरासत पर गर्व करना भी सिखाया जाना चाहिए। पतंजलि हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में दुनियाभर के ज्ञान को शामिल करेगी, लेकिन 80% पाठ्यक्रम वेद, दर्शन, उपनिषद, पुराण और भारत के गौरव पर केंद्रित होगा। यह प्रणाली लॉर्ड मैकाले के एजुकेशल मॉडल का पालन नहीं करेगी।

स्वामी रामदेव ने बताया कि पतंजलि की योजना शुरू में एक लाख स्कूलों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोड़ने की है। बाद में इसका विस्तार करके इसे 5 लाख स्कूलों तक किया जाए गस। जब 1 लाख स्कूल भारतीय शिक्षा बोर्ड से जुड़ जाएंगे और 5 लाख स्कूल उसका अनुसरण करेंगे तो भारत का बचपन और युवा सुरक्षित हो जाएगा। भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से पतंजलि भारत के नायकों का सच्चा इतिहास पढ़ाएगा, न कि विदेशी आक्रमणकारियों, अकबर, औरंगज़ेब या अंग्रेजों के बारे में बताएगा। छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महान नेताओं के वीरतापूर्ण इतिहास के बारे में भी बच्चों और युवाओं को बताया जाएगा।

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2. स्वास्थ्य सेवा

स्वामी रामदेव ने कहा कि योग मानव जीवन का सच्चा स्वभाव है। दुनियाभर में लोग सिंथेटिक दवाओं, स्टेरॉयड, पेन किलर्स और अन्य हानिकारक पदार्थों का सेवन करके अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगों को सही राह पर लाने और स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव लाने के लिए पतंजलि वेलनेस, योगग्राम, निरामयम, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ आधुनिक अनुसंधान के जरिए काम कर रहा है। पतंजलि ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 5000 से अधिक अनुसंधान प्रोटोकॉल और 500 से अधिक अनुसंधान पत्र प्रकाशित किए हैं। दुनिया के सामने बीमारियों से मुक्ति का रास्ता पेश करना पतंजलि की प्रतिबद्धता है। लोगों को बीमार होने से रोकना और जब वे बीमार हो जाएं तो योग और आयुर्वेद के माध्यम से उन्हें बीमारियों से मुक्त करना ही पतंजिल का सबसे बड़ा टारगेट है।

3. आर्थिक स्वतंत्रता

स्वामी रामदेव ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुट्ठीभर लोगों ने पूरी अर्थव्यवस्था को अपने शिकंजे में जकड़ रखा है। पतंजलि का लक्ष्य ऐसी आर्थिक समृद्धि लाना है, जो मानवता की सेवा करे और धन का इस्तेमाल पूरे देश की भलाई के लिए करे। अब तक पतंजलि ने शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण जैसे क्षेत्रों में 1 लाख करोड़ से अधिक का दान दिया है। 10000 से अधिक केंद्रों, 25 लाख से अधिक प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों, 1 करोड़ निस्वार्थ स्वयंसेवक के साथ पतंजलि का प्रयास राष्ट्र निर्माण और चरित्र विकास करना है। पतंजलि का संकल्प स्वदेशी आंदोलन को इतना शक्तिशाली बनाना है कि भारत आर्थिक शोषण, गुलामी और गरीबी से मुक्त हो सके। यही एकमात्र तरीका है, जिससे भारत वास्तव में समृद्ध बन सकता है। पतंजलि लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, थायरॉयड, अस्थमा, गठिया, तनाव, अवसाद और नींद संबंधी विकारों और पुरानी बीमारियों के लिए दवाओं से छुटकारा दिलाता है। ऐसा करके पतंजलि देश का सालाना 100 से 200 लाख करोड़ रुपये बचाता है।

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4. बौद्धिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता

स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत ने सबसे पहले दुनिया को संस्कृत का संदेश दिया। दुर्भाग्य से आज भारत उन गरीब देशों पर निर्भर है, जिनके पास केवल कागजी मुद्राएं या कुछ डॉलर-पाउंड हैं। असली धन केवल धन में नहीं, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाल परिवार, मजबूत चरित्र, आध्यात्मिक धन और दैवीय आशीर्वाद में निहित है। पतंजलि का मिशन भारत को बौद्धिक और सांस्कृतिक गुलामी से मुक्त कराना है। इसलिए हम सनातन धर्म, वैदिक जीवन पद्धति, ऋषियों की शिक्षाओं और आधुनिक समय के यौगिक मार्ग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दुनियाभर में 500 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने योग और सनातन धर्म को अपनाया है। अगर हम सब एकजुट हो जाएं तो हम धार्मिक, राजनीतिक आतंकवाद और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवा के नाम पर छिपे आतंकवाद को खत्म कर सकते हैं।

5. नशे की लत, बीमारियों, इच्छाओं से मुक्ति

स्वामी रामदेव ने कार्यक्रम में नशे की समस्या पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत में लोग नशे की खाई में डूब रहे हैं, जिससे बीमारी, बुरी लत, अनैतिकता बढ़ती है। जीवन बर्बाद होता है और पतंजलि इसे बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। पतंजलि के 30 वर्ष पूरे होने पर हमारा संकल्प विश्व को योग-केंद्रित बनाना तथा चरित्र विकास के माध्यम से आदर्श वैश्विक नागरिक तैयार करना है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पूज्य स्वामीजी के अथक प्रयासों ने पतंजलि को वैश्विक प्रेरणा का स्रोत बना दिया है। पतंजलि ने विश्व कल्याण के लिए एक अभियान चलाया है, जहां भौतिक संपदा का इस्तेमाल दूसरों की भलाई के लिए किया जाता है।

पतंजलि का 100% मुनाफा दान के लिए समर्पित है। पतंजलि के लिए भारत सिर्फ़ एक बाज़ार नहीं है, यह एक परिवार है। पतंजलि के पास 500 से अधिक इंटरनेशनल वैज्ञानिकों की टीम है, जो लगातार शोध करके विभिन्न बीमारियों के लिए प्रमाणित उपचार उपलब्ध कराते हैं। इनमें हर्बल अर्क, सिरप, टैबलेट, कैप्सूल, व्हीटग्रास, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, नीम, गिलोय जूस और अन्य उपचार शामिल हैं। पतंजलि ने योग को 200 देशों में लाखों लोगों तक सफलतापूर्वक पहुंचाया है। इसे गुफाओं और एकांत स्थानों से निकालकर दुनियाभर में आम जनता के लिए सुलभ बनाया है।

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