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Places of Worship Act case: 'हम इस केस पर नहीं कर सकते सुनवाई' सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक याचिका पर दिया ये निर्देश

Places of Worship Act case: पूजा स्थल संबंधी अधिनियम पर नई याचिकाओं पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि हम इस संबंध में दायर की गई नई याचिकाओं की संख्या को देखते हुए यह आदेश दे रहे हैं।
06:48 PM Feb 17, 2025 IST | Amit Kasana
places of worship act case   हम इस केस पर नहीं कर सकते सुनवाई  सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक याचिका पर दिया ये निर्देश

Supreme Court refuses new plea in Places of Worship Act case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को Places of Worship Act संबधी सभी याचिकाओं पर सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दी है। दरअसल, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर ही रही थी कि इस मामले में एक नई याचिका पेश की गई।

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लंबित हैं कई याचिकाएं

इस नई याचिका को खारिज करते हुए बेंच ने कहा कि हम इस केस में सुनवाई नहीं कर सकते। बेंच ने कहा कि इस मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों की पीठ करेगी। इससे पहले अदालत में पुरानी याचिकाओं पर सुनवाई की। बता दें अदालत में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता से संबंधित कई याचिकाएं विचाराधीन हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने किन याचिकाओं को किया खारिज

पूजा स्थल संबंधी अधिनियम पर नई याचिकाओं पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की थी। पीठ ने कहा कि हम इस संबंध में दायर की गई नई याचिकाओं की संख्या को देखते हुए यह आदेश पारित करने के लिए बाध्य हैं। आगे कोर्ट ने कहा कि ऐसी लंबित रिट याचिकाएं जिनमें कोई नोटिस नहीं है, अतिरिक्त आधारों को उठाते हुए आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता के साथ खारिज की जाती हैं।

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तीन सदस्यीय बेंच में 1 अप्रैल को होगी सुनवाई

इसके बाद न्यायालय ने 1991 के कानून से संबंधित याचिकाओं और परस्पर विरोधी याचिकाओं को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष 1 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

क्या है Places Of Worship Act 1991

जानकारी के अनुसार देश में प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में लागू किया गया था। ये कानून देश में किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदलने का नियम बताता है। दिल्ली हाई कोर्ट के वकील सुभाष तंवर के अनुसार यदि कोई इस एक्ट का उल्लंघन करने का प्रयास करता है तो उसे जुर्माना और 3 साल तक की जेल भी हो सकती है।

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