प्रीति सूदन कौन? जो संभालेंगी UPSC की बागडोर, कोरोना महामारी में बटोरी थीं सुर्खियां
Preeti Sudan UPSC New Chairman: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नई अध्यक्ष मिल गई हैं। पूर्व चेयरमैन महेश सोनी ने कुछ दिन पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। महेश सोनी ने इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारणों को बताया था। इसके बाद सभी के मन में सिर्फ एक सवाल था कि UPSC का दारोमदार अब किसे सौंपा जाएगा? तो इंतजार खत्म हो गया है। UPSC की नई चेयरमैन के नाम का खुलासा हो चुका है। रिटायर्ड IAS अफसर प्रीति सूदन को UPSC का अगला चेयरमैन नियुक्त किया गया है। आइए जानते हैं कि प्रीति सूदन कौन हैं?
37 साल तक बड़े पदों पर की नौकरी
प्रीति सूदन 1983 बैच की IAS अधिकारी हैं। आंध्र प्रदेश कैडर में सर्विस देने के बाद उन्होंने कई केंद्रीय मंत्रालयों में काम किया। यही नहीं, प्रीति सूदन वर्ल्ड बैंक और WHo जैसी संस्थाओं का भी हिस्सा रह चुकी हैं। 37 साल तक अलग-अलग विभागों में काम करने के बाद प्रीति 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से रिटायर हुईं। 2022 में वे UPSC की सदस्य बनीं और अब उन्हें UPSC का चेयरमैन बनाया जा रहा है।
हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं प्रीति सूदन
हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली प्रीति सूदन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एम.फिल की डिग्री ली। उन्होंने सामाजिक नीति एवं नियोजन में एमएससी की डिग्री भी ली हैं। 1983 में प्रीति सूदन ने UPSC की परीक्षा दी और आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी बन गईं।
बड़े मंत्रालयों में लिए अहम फैसले
प्रीति सूदन ने कई बड़े विभागों की बागडोर संभाली है। प्रीति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव रह चुकीं हैं। प्रीति सूदन विश्व बैंक में कंसल्टेंट भी रही हैं। केंद्र सरकार की कई बड़ी योजनाओं में प्रीति सूदन का अहम योगदान रहा है। खासकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत मिशन में प्रीति ने खास भूमिका निभाई है। वहीं ई-सिगरेट पर पाबंदी लगने के पीछे भी प्रीति सूदन का हाथ था।
कोरोना काल में चर्चा में आई थीं प्रीति
कोरोना महामारी के दौरान प्रीति सूदन स्वास्थ्य मंत्रालय में केंद्रीय सचिव के पद पर थीं। इस दौरान उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। प्रीति सूदन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों की देखभाल करने की सिफारिश की थी। वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इंडिपेंडेंट पैनल की सदस्य थीं।
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