मणिपुर में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात के बाद राज्यपाल से मिले राहुल गांधी, जानें क्या हुई बातचीत
Manipur Violence: मणिपुर के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन राहुल गांधी ने राहत शिविरों में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इसके बाद राहुल गांधी राज्यपाल से भी मुलाकात की। मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है। मैं चाहता हूं कि यहां शांति बहाल हो। मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया, इन राहत शिविरों में कमियां हैं, सरकार को इसके लिए काम करना चाहिए।
इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस नेता ने राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन मणिपुर के चुराचांदपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की, जहां जातीय हिंसा देखी गई है। राहुल गांधी ने पहले एक ट्वीट में कहा कि मणिपुर को उपचार की जरूरत है और शांति ही एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।
बताया जा रहा है कि राहुल हिंसा को रोकने के लिए और लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए आज सामाजिक कार्यकर्ताओं से बात कर सकते हैं। इसके बाद राहुल गांधी मणिपुर से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। जिसमें वो लोगों से हुई बातचीत की जानकारी दे सकते हैं।
राहुल के मणिपुर पहुंचते ही सियासत तेज
राहुल गांधी के मणिपुर पहुंचते ही सियासत तेज हो गई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी के दौरे पर बयान दिया है और कहा है कि इससे मणिपुर के लिए कोई समाधान नहीं निकलने वाला। मणिपुर में पिछले कुछ दिन से बनी शांति तब भंग हो गई जब कांगपोकपी जिले के हराओठेल गांव में गुरुवार (29 जून) सुबह सुरक्षा कर्मियों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध दंगाइयों की मौत हो गई। इस गोलीबारी की घटना में पांच लोग घायल भी हो गए।
गुरुवार को पुलिस ने चुराचांदपुर जाने से राहुल को रोका था
उन्होंने कहा, “मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत करते हैं और प्यार करते हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को उपचार की जरूरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।” बता दें कि गुरुवार को इंफाल पहुंचे राहुल गांधी के काफिले को पुलिस ने चुराचांदपुर जाने से रोक दिया था जिसके बाद राहुल इंफाल लौट आए थे।
पुलिस ने कहा कि ऐसा ‘सुरक्षा’ कारणों से किया गया है और कांग्रेस नेता हवाई मार्ग से जा सकते हैं। कांग्रेस नेता के काफिले को बिष्णुपुर के पास एक चेकपोस्ट पर रोका गया, जो इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर दूर है।
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