रायबरेली या वायनाड? राहुल गांधी दोनों सीट से जीते तो कौन सी सीट छोड़ेंगे?
Raibareli or Waynad Election Result: लोकसभा चुनावों के रुझान निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए संजीवनी बनकर आई है। शुरुआती रुझानों में INDIA गठबंधन 234 सीटों पर आगे चल रही है जबकि NDA 297 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाले आंकड़े यूपी से आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में INDIA गठबंधन आगे चल रही है। उसने 43 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है जबकि एनडीए 37 सीटों पर आगे है।
राहुल गांधी की बात करें तो वो केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से आगे चल रहे हैं। रायबरेली से राहुल गांधी 1 लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं। जबकि वायनाड में भी वह जीत की ओर बढ़ रहे हैं। वायनाड में वह 1.5 लाख वोटों से आगे चल रहे हैं। मतलब अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो राहुल का दोनों सीटों पर जीतना लगभग तय है। अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि अगर राहुल गांधी दोनों सीटों से जीतते हैं तो कौन सी सीट छोड़ेंगे? सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग राय सामने आ रही हैं।
वायनाड ने जताया भरोसा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में जब अपनी पारंपरिक सीट अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था। तब केरल की वायनाड सीट ही थी, जिसने उन पर भरोसा जताया था। 2019 में उन्हें वायनाड की जनता ने सिर-आंखों पर बैठाया था और करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा वोटों से विजयी बनाया था। जबकि अमेठी में उन्हें स्मृति ईरानी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस बार भी वह यहां से बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि जिस सीट ने उन पर तब भरोसा जताया जब उनकी पारंपरिक सीट के वोटर्स ने साथ छोड़ दिया था। ऐसे में राहुल वायनाड से ही आगे बढ़ना चाहेंगे।
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अब बात रायबरेली की
रायबरेली कांग्रेस परिवार की पारंपरिक सीट रही है। राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी रायबरेली सीट से सांसद रह चुके हैं। सोनिया गांधी ने इस बार हेल्थ की वजह से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस ने काफी सोच विचार के बाद राहुल गांधी को इस सीट से मैदान में उतारा। यहां से प्रत्याशी का नाम घोषित करने के लिए कांग्रेस ने वायनाड में वोटिंग खत्म होने का इंतजार भी किया। अब रायबरेली की जनता एक और गांधी को जिताने के लिए तैयार है।
कौन सी सीट छोड़ेंगे
यह स्थिति पशोपेश वाली होगी। वायनाड जिसने संकट के समय साथ दिया, वहीं रायबरेली जो कांग्रेस परिवार का गढ़ है। अब गढ़ छोड़ें या वायनाड? कुछ लोगों का कहना है कि राहुल वायनाड को छोड़ सकते हैं क्योंकि रायबरेली के बहाने कांग्रेस की यूपी में वापसी हो सकती है। यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में कांग्रेस अपने पक्ष में बने माहौल को छोड़ना नहीं चाहेंगे।
क्या प्रियंका लड़ेंगी चुनाव
वहीं एक धड़ा यह भी कह रहा है कि राहुल गांधी रायबरेली सीट को छोड़ सकते हैं। इसके पीछे दो कारण हैं। पहला केरल लेफ्ट पार्टियों का गढ़ है और कांग्रेस उसमें सेंध लगाने में कामयाब हो चुकी है। अगर राहुल वायनाड छोड़ते हैं तो इसे 'बेवफाई' के रूप में देखा जा सकता है। दूसरा रायबरेली हमेशा से कांग्रेस परिवार पर भरोसा जताती आई है और कांग्रेस के पास एक तुरुप का इक्का है। उपचुनाव में कांग्रेस यहां से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ा सकती है। इस तरह न वायनाड की जनता नाराज होगी न रायबरेली वाले रूठेंगे।