पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान में भी OBC आरक्षण पर गिरेगी गाज, भाजपा मंत्री ने दिया बड़ा बयान
Rajasthan OBC Reservation: पश्चिम बंगाल में OBC आरक्षण रद्द होने के बाद अब राजस्थान की OBC आरक्षण सूची पर भी तलवार लटक रही है। राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने OBC आरक्षण पर दोबारा विचार करने के संकेत दिए हैं। वहीं 14 मुस्लिम जातियां भी राजस्थान सरकार के निशाने पर हैं, जिन्हें OBC आरक्षण की सूची से निकाला जा सकता है।
4 जून के बाद होगा विचार
राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि 4 जून के बाद हम OBC आरक्षण सूची पर विचार करेंगे। इसमें 14 मुस्लिम जातियां भी शामिल हैं। 1997 से 2013 के बीच कुछ लोगों को OBC आरक्षण देना सही था या गलत? इसपर पुनः विचार किया जाएगा। दरअसल 4 जून को आम चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। इसके बाद देश में लागू आचार सहिंता खत्म हो जाएगी। इसलिए अविनाश गहलोत ने 4 जून के बाद OBC आरक्षण पर विचार करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि संविधान में अंबेडकर ने लिखा है कि किसी को धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। लेकिन कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण के आधार पर कुछ मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया। कांग्रेस सरकार ने 13 -14 मुस्लिम जातियों को 1997 से 20130 तक OBC की कैटेगरी में डाला है। जिसके सर्कुलर भी हमारे पास हैं। विभाग और सरकार अब इस पर रिव्यू करेगा।
सीएम भजनलाल शर्मा ने दिया बयान
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी लखनऊ में चुनाव प्रचार के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। सीएम भजनलाल शर्मा ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षियों ने वोट बैंक की राजनीति करने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
बता दें कि 22 मई 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद मिलने वाले OBC आरक्षण को रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने 2011 से 2014 के बीच मिलने वाले OBC आरक्षण प्रमाणपत्र को अवैध करार देते हुए नई आरक्षण सूची जारी करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले से बंगाल सरकार को भी तगड़ा झटका लगा था। इसके तहत 77 जातियों का OBC सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया गया था, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम जातियां शामिल थीं।
सीएम ममता बनर्जी ने दिया बयान
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट का फैसला मानने से इंकार कर दिया था। जाहिर है इस फैसले का लोकसभा चुनाव पर बड़ा असर पड़ सकता है। तृणमूल कांग्रेस ने OBC आरक्षण को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था मगर अब आरक्षण रद्द होने से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है।