असम में कांग्रेस को क्यों लगा दोहरा झटका? 7 साल तक AICC सेक्रेटरी रहे राणा गोस्वामी ने बताई वजह
Rana Goswami Joins BJP: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लगते जा रहे हैं। वहीं भाजपा का कुनबा बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को असम कांग्रेस के दो धाकड़ नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया। असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी और कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने 'हाथ' का साथ छोड़ बीजेपी जॉइन की। राणा गोस्वामी ने बीजेपी की सदस्यता जॉइन करने के बाद कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई।
''कुछ न कुछ होता रहता है''
असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे राणा गोस्वामी ने कहा- ''देखिए, निश्चित तौर पर पार्टी के अंदर कुछ न कुछ तो होता रहता है। इसलिए मुझे कांग्रेस छोड़कर जाना पड़ा। मैं 7 साल तक ऑल इंडिया कांग्रेस का सेक्रेटरी भी रहा। मैं गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी के साथ रहा और उनके साथ रहकर काम किया। अब मैंने गुलाम नबी आजाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया को फॉलो करते हुए कुछ कहे बिना पार्टी छोड़ दी है। मेरा पार्टी के प्रति मन का दुख मन में ही रह गया।'' राणा गोस्वामी के बयान से साफ है कि असम कांग्रेस में कहीं न कहीं अंदरखाने नेताओं के बीच फूट चल रही है। इससे पहले कांग्रेस विधायक बसंत दास, शशिकांत दास और सिद्दीकी अहमद भी बीजेपी जॉइन कर चुके हैं।
असम बीजेपी के लिए ऐतिहासिक दिन
असम में कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- "आज असम बीजेपी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। कांग्रेस पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्ष बीजेपी में शामिल हुए हैं। राणा गोस्वामी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव भी थे।
उन्होंने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की टीम के साथ मिलकर काम किया। एक अन्य कार्यकारी अध्यक्ष कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने भी भाजपा को समर्थन दिया है। ये हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण जुड़ाव है। मुझे यकीन है कि आने वाले दिनों में और भी लोग शामिल होंगे।''
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आपको बता दें कि असम में लोकसभा की 9 सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर कब्जा जमाया था। जबकि कांग्रेस को महज 3 सीटों से संतोष करना पड़ा। वहीं वहीं एआईयूडीएफ को तीन और निर्दलीय को एक सीट पर जीत मिली थी।