रेप के लिए 63, मर्डर करने पर 103...नए कानूनों के तहत आज से किस अपराध के लिए कौन-सी धारा लगेगी?
Crime Sections Changed Under New Criminal laws: देश में आज एक जुलाई 2024 से नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) कानून लागू हुआ है। दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) कानून लागू हुआ है। इंडियन एविडेंस एक्ट (1872) की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हुआ है।
वहीं आज से लागू हुए तीनों नए कानूनों के तहत कुछ अपराधों के लिए धाराएं बदल गई हैं। कुछ अपराधों के लिए सजा के नियम भी कड़े हो गए हैं। राजद्रोह और अप्राकृतिक यौन संबंधों को कानून के दायरे से बाहर कर दिया गया है, लेकिन अब मॉब लिंचिंग और नाबालिग से दुष्कर्म करने पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। आइए जानते हैं कि आज से किस अपराध के लिए कौन-सी धारा के तहत केस दर्ज किया जाएगा?
भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत यह धाराएं लगेंगी
हत्या- किसी को मौत के घाट उतारने जैसा जघन्य अपराध करने पर अब धारा 302 के तहत केस दर्ज नहीं होगा, बल्कि धारा 103 के तहत FIR करने का प्रावधान नए कानून के तहत किया गया है। जान चाहे किसी भी तरह गई हो, मर्डर केस दर्ज हुआ तो धारा 103 के तहत ही होगा।
धोखाधड़ी- जाल में फंसाकर, लालच देकर या बहला फुसलाकर पैसे ठगने, धोखाधड़ी करना अब चार सौ बीसी नहीं कहलाएगी, बल्कि नए कानून के तहत अब धारा 318 के तहत FIR दर्ज की जाएगी।
दुष्कर्म- बच्ची, किशोरी, लड़की, महिला या बुजुर्ग के साथ रेप करने पर भी अब नई धारा लगेगी। अब पुलिस धारा 375-376 के तहत केस नहीं करेगी, बल्कि नए कानून के तहत इस अपराध के लिए धारा 63 का प्रावधान किया गया है।
हत्या का प्रयास- किसी को भी जान से मारने की कोशिश करना अपराध है, लेकिन अब पुलिस केस धारा 307 के तहत दर्ज नहीं होगा, बल्कि नए आपराधिक कानून के तहत धारा 109 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
दहेज हत्या- देश में दहेज लेना और देना अपराध है। हालांकि इस तरह के मामले कम आते हैं, लेकिन दहेज हत्या के काफी केस होते हैं। नए कानून के तहत दहेज हत्या करने वाले के खिलाफ अब धारा 304(B) नहीं, बल्कि नए कानून के तहत धारा 80 के तहत FIR दर्ज होगी।
गैर-इरादतन हत्या- लड़ाई और मारपीट हो रही है और किसी को जान से मारने का इरादा नहीं है, फिर भी मौत हो जाती है तो गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज होता है। अभी तक केस धारा 304 के तहत दर्ज होता था, लेकिन नए कानून के तहत धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
चोरी- चोरी करना अपराध है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, चोरी कोई भी करे, अपराध के दायरे में आएंगे। IPC एक्ट के तहत चोरी करने पर धारा 379 लगती थी, लेकिन अब नए कानून के तहत धारा 303 के तहत FIR दर्ज करने का प्रावधान नए कानून में किया गया है।
छेड़छाड़- बच्ची से लेकर बुजुर्ग महिला तक, राह चलते या पब्लिक प्लेस पर छेड़छाड़ करना अपराध है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अब धारा 354 के तहत केस दर्ज नहीं होगा, बल्कि धारा 74 के तहत केस दर्ज करने का प्रावधान किया गया है।
लापरवाही से मौत- किसी भी मामले में लापरवाही बरती जाए और लापरवाही बरतने के कारण किसी की जान चल जाए तो वह अपराध के दायरे में आता है। नए कानून के तहत इस अपराध को करने वाले के खिलाफ अब धारा 304(A) के तहत नहीं, बल्कि धारा 106 के तहत केस दर्ज होगा।
आपराधिक साजिश रचने पर- किसी को मारने के इरादे से, दुष्कर्म या छेड़छाड़ करने के लिए, किसी को ठगने के लिए प्लानिंग करना, साजिश करना अपराध के दायरे में आएगा और इस क्राइम के लिए धारा 120(B) नहीं, बल्कि धारा 61 के तहत FIR दर्ज होगी।
डकैती- भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2024 के तहत प्रावधान किया गया है कि अब बैंक या किसी अन्य जगह पर डकैती की घटना होती है तो अब धारा 395 के तहत केस दर्ज नहीं जाएगा, बल्कि डकैतों के खिलाफ धारा 310 लगाकर मामला दर्ज होगा।
पति की क्रूरता के खिलाफ- नए कानून के तहत पति अगर पत्नी के साथ किसी भी तरह की क्रूरता करता है तो अब धारा 498(A) के तहत केस नहीं बनेगा, बल्कि धारा 85 के तहत FIR की जाएगी।
मॉब लिंचिंग- भारतीय दंड संहिता (IPC) में मॉब लिंचिंग का जिक्र नहीं था, लेकिन नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत इसे परिभाषित किया गया है। मॉब लिंचिंग होने पर धारा 103 (2) के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
देशद्रोह- नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत राजद्रोह शब्द को खत्म करके देशद्रोह शब्द जोड़ा गया है। अब देश की एकता, अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने पर देशद्रोह का केस दर्ज होगा और धारा 152 के तहत FIR दर्ज की जाएगी।
छीना झपटी- नए कानून के तहत छीना झपटी करना, स्नैचिंग (पर्स या चेन) आदि के केस धारा 304 के तहत दर्ज किए जाएंगे। यह केस गैर-जमानती होगा और केस की सुनवाई के समय किसी तरह की समन भी नहीं भेजा जाएगा।
आतंकवाद- नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत आतंकवाद को भी धारा 113 के तहत परिभाषित किया गया है। आतंक फैलते हुए अलग-अलग अपराध करने पर अलग-अलग सजा मिलेगी। अगर आतंकी हमले में कोई मर जाता है तो फांसी या उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
देश के खिलाफ युद्ध- नए कानून के तहत अब धारा 121, 121 (A) के तहत नहीं, बल्कि धारा 147 और 148 के तहत FIR दर्ज की जाएगी।
मानहानि- नए कानून के तहत मानहानि का केस अब धारा 499 और 500 के तहत नहीं, बल्कि धारा 356 के तहत किया जाएगा।
लूट- नए कानून में प्रावधान किया गया है कि अब लूटपाट होने पर केस धारा 392 के तहत नहीं, ब्लकि धारा 309 के तहत दर्ज किया जाएगा।