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'पूरी प्राॅपर्टी को बम से उड़ा दो, मगर...' ताज होटल पर आतंकी हमले के बाद क्या बोले थे रतन टाटा

What Ratan Tata Said on Taj Hotel Attack: मुंबई आतंकी हमले के बाद रतन टाटा होटल ताज पहुंच गए थे। वे लगातार तीन दिनों तक ताज होटल के मैनेजमेंट और सहयोगियों के साथ खड़े रहे। इस दौरान हुए पूरे वाक्ये को उन्होंने एक इंटरव्यू में साझा किया था।
07:17 AM Oct 10, 2024 IST | Rakesh Choudhary
Ratan Tata Death
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Ratan Tata Passes Away: देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी हाॅस्पिटल में निधन हो गया। रतन टाटा को सदियों तक भारत और दुनिया के लोग उनके सादगी भरे मिजाज और जिंदा दिली के लिए याद रखेंगे। वे बहुत ही बेहतरीन इंसान और मजबूत व्यक्तित्व वाले थे। मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने मशहूर ताज होटल को भी निशाना बनाया था।

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उस दिन वाक्ये का जिक्र रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी का काॅल आया था कि होटल में गोलीबारी हो रही है। इसके बाद मैंने जानकारी के लिए ताज के स्टाफ को काॅल किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने अपनी कार निकाली और मैं ताज पहुंचा, लेकिन वाॅचमैन से मुझे रोक दिया, क्योंकि वहां गोलीबारी हो रही थी।

एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचे

इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से कहा कि अगर जरूरत पड़े तो मेरी पूरी प्राॅपर्टी को ही बम से उड़ा दो, मुझे उसकी कोई चिंता नहीं है, लेकिन एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए। रतन टाटा ने आगे बताया कि उस वक्त ताज होटल में 300 गेस्ट मौजूद थे। रेस्टाॅरेंट भरे हुए थे। वहां मौजूद स्टाफ ने सभी को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की पूरी कोशिश की। उस दौरान कई लोग मारे भी गए। इंटरव्यू में बताया कि उन तीन दिनों और तीन रातों के लिए रतन टाटा ताज होटल प्रबंधन के साथ खड़े रहे।

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सहयोगियों के लिए हमेशा उदार बने रहे टाटा

वे अपने मैनेजमेंट और सहयोगियों के साथ हमेशा खड़े रहे। वे ताज होटल को लेकर कहते थे कि अपनी भव्यता के बावजूद ताज कभी नहीं बन पाता जो आज है उसके पीछे काम करने वाले लोगों की मेहनत नहीं होती। वे खुद जान जोखिम में डालकर और अपनी जान की कीमत पर मौजूद लोगों को बचाने के लिए खड़े रहे।

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