RSS की बैठक में BJP के साथ इन 5 मुद्दों पर बनी सहमति, संघ अब सीधे सरकार को देगा सलाह

Kerala RSS meeting inside story: केरल के पलक्कड़ में आयोजित संघ की समन्वय बैठक खत्म हो गई। बैठक में कई मुद्दों पर BJP-RSS में आपसी सहमति बनी है। आइये जानते हैं वे 5 बड़े मुद्दे जिन पर दोनों के बीच बनी सहमति।

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RSS BJP Meeting in Kerala

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RSS BJP Meeting in Kerala: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केरल के पलक्कड़ में आयोजित 3 दिवसीय बैठक खत्म हो चुकी है। इस दौरान कई ऐसे मुद्दे रहे जिन पर विस्तार से चर्चा हुई। इनमें जातिगत जनगणना कराने, डीलिमिटेशन और महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कराने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में आरएसएस के 32 संगठनों के 300 पदाधिकारी शामिल हुए। बीजेपी की ओर से अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में किन मसलों पर बात हुई और क्या मैसेज निकला? ऐसे सभी सवालों के जवाब यहां जानें।

1. बैठक में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ कि सरकार जल्द से जल्द महिला आरक्षण विधेयक को लागू करें। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले हर लोकसभा क्षेत्र की 1 हजार महिलाओं के साथ संघ ने संवाद किया था। तब भी महिलाओं ने आरक्षण लागू करवाने की मांग की थी।

2. संघ ने अपने संगठन कुटुंब प्रबोधन के जरिए 30 करोड़ परिवारों तक पहुंचेगा। चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा कैसे मिल सकता है इस पर भी गहनता से बातचीत हुई। संघ मानता है कि परिवारों में एकता और राष्ट्रीयता की भावना से ही देश मजबूत बन सकता है। व्यक्ति को सामाजिक इकाई मानना भ्रांति है। संघ परिवारों के बीच बेहतर तालमेल और सहयोग पर काम करता है।

3. संघ हिंदू धर्म की सभी जातियों तक पैठ बढ़ाना चाहता है। जो भी जाति हिंदू धर्म को मानती है उन तक कैसे पहुंचा जाए, इस पर भी बैठक में चर्चा हुई। इसके लिए संघ समरसता मंच शुरू करेगा। संघ अगले वर्ष अपनी स्थापना के 100वां साल पूरे कर रहा है।

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4. लोकसभा चुनाव में चौथे राउंड की वोटिंग के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि शुरुआत में हम कम सक्षम थे। तब हमें संघ की जरूरत पड़ती थी। अब हम सक्षम हैं। आज बीजेपी खुद को चलाती है। सूत्रों की मानें तो बैठक के इतर जेपी नड्डा और संघ प्रमुख के बीच बातचीत हुई। यानी आगे इस प्रकार की बयानबाजी न हो ये भी तय हुआ।

5. बीजेपी और संघ मिलकर काम करेंगे। 2001 में यह तय हुआ कि सरकार पार्टी की होगी और संगठन पर संघ का नियंत्रण होगा। संघ सूत्रों की मानें तो बीजेपी और आरएसएस में तालमेल बिगड़ने का नतीजा लोकसभा चुनाव में दिख चुका है। इसी नुकसान से बचने के लिए समय-समय पर सुझाव देने का फैसला किया गया है।

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