'ऐसे नहीं बन सकते हैं हिंदुओं के नेता', क्यों नाराज हुए मोहन भागवत?
Mohan Bhagwat Statement On Temple Mosque Controversy : देश में राम मंदिर के बाद अब लगातार मंदिर मस्जिद के मुद्दे सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने फिर से उठ रहे मंदिर-मस्जिद मुद्दों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे कोई हिंदुओं का नेता नहीं बन सकता है। आइए जानते हैं कि मोहन भागवत ने और क्या कहा?
मोहन भागवत ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर के बाद अब कुछ लोग सोचते हैं कि नए स्थानों पर इसी तरह के मुद्दे उठाकर वे हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह अस्वीकार्य है। उन्होंने आगे कहा कि हर दिन एक नया मामला उछाला जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? ऐसा नहीं चल सकता है।
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एक साथ रहने का मॉडल पेश करने की जरूरत : मोहन भागवत
मोहन भागवत ने समावेशी समाज की वकालत करते हुए कहा कि विश्व को यह दिखाने की जरूरत है कि सद्भावना के साथ देश रह सकता है। इसका एक मॉडल बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस का भी त्योहार मनाया जाता है, क्योंकि वे हिंदू हैं।
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हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है राम मंदिर : RSS प्रमुख
उन्होंने आगे कहा कि यूपी के अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण इसलिए हुआ, क्योंकि ये हिंदुओं की आस्था का विषय था। इस दौरान आरएसएस चीफ ने बिना किसी मंदिर मस्जिद का नाम लिए कहा कि अब जो नए विवाद सामने आ रहे हैं, इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है।