रेलवे ट्रैक पर छोड़ा, दूसरा परिवार भी बिछड़ा, अनाथ आश्रम में पले-बढ़े; अब बनेंगे 'नेशनल टीचर'

Sagar Bagade National Teachers Day 2024: 5 सितंबर को टीचर्स डे के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मशहूर कोरियोग्राफर सागर बगाड़े को नेशनल टीचर्स डे अवॉर्ड 2024 ने सम्मानित करेंगी। आइए जानते हैं सागर के संघर्ष की कहानी। ्र

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Sagar Bagade National Teachers Day Award 2024: कल यानी 5 सितंबर को दुनिया भर में शिक्षक दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली में नेशनल टीचर्स डे अवॉर्ड 2024 का आयोजन होगा। इस बार यह खिताब महाराष्ट्र के मशहूर कोरियोग्राफर सागर बिगाड़े को दिया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सागर को नेशनल टीचर्स डे 2024 का खिताब देती नजर आएंगी।

रेलवे ट्रैक पर मिले सागर

कोरियोग्राफी में नाम कमा चुके सागर बगाड़े आर्टिस्ट, डायरेक्टर, मूर्तिकार और टीचर भी हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रहने वाले सागर अनाथ आश्रम में पले-बढ़े हैं। उनका बचपन बेहद संघर्ष भरा रहा है। सागर के माता-पिता कौन थे, वो नहीं जानते। उन्हें रेलवे ट्रैक पर मरने के लिए छोड़ दिया गया था।

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दूसरा परिवार भी बिछड़ा

बचपन का किस्सा शेयर करते हुए सागर बताते हैं कि उनका बचपन दूसरे बच्चों से अलग था। 1968 में उन्हें सोलापुर रेलवे स्टेशन के पास मौजूद रेलवे लाइन पर छोड़ा गया था। उन्हें एक परिवार ने गोद ले लिया। परिवार के लोग सागर से बहुत प्यार करते थे। हालांकि जब वो दसवीं कक्षा में थे, तो उनका परिवार भी उनसे बिछड़ गया। सागर अनाथ आश्रम में रहने को मजबूर हो गए। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानीं।

आर्ट पर किया फोकस

सागर का कहना है कि 10वीं कक्षा में उनके एक टीचर ने उन्हें आर्ट पर ध्यान देने का सुझाव दिया था। सागर पढ़ने में कुछ खास अच्छे नहीं थे। इसलिए उन्होंने आर्ट पर फोकस करना शुरू कर दिया। स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही सागर को डांस करने का शौक चढ़ गया।

गोविंदा से सीखा डांस

दरअसल यही वो दौर था जब गोविंदा के गाने बॉलीवुड की जान हुआ करते थे। सागर को गोविंदा के गानों पर डांस करना और उनके डांस स्टेप्स फॉलो करना काफी पसंद था। यहीं से उन्होंने डांस में करियर बनाने का फैसला किया। सागर ने आर्ट के साथ-साथ डांस करना शुरू कर दिया। पढ़ाई पूरी करने के बाद सागर ने मुंबई का रुख किया। इस दौरान उन्होंने कई बड़े निर्देशकों के साथ काम किया।

कोरियोग्राफर से बने टीचर

मुंबई में कुछ साल बिताने के बाद सागर कोल्हापुर वापस लौट आए। यहां उन्होंने आर्ट टीचर के रूप में एक नई शुरुआत की। देखते ही देखते सागर मशहूर कोरियोग्राफर के अलावा जबरजदस्त आर्ट टीचर भी बन गए। डांस और आर्ट में शानदार काम करने के कारण सागर का नाम दो बार एशिया पेसिफिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है।

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