Supermoon 2024: सबसे चमकदार चांद देखने को रहें तैयार; जानें कब-कहां आएगा नजर, क्या भारत में भी दिखाई देगा?
Supermoon 2024 on 17 October Purnima Night: साल का एक और सबसे चमकदार और सबसे खूबसरत चांद देखने के लिए तैयार रहिए। जी हां, एक और सुपरमून दिखने जा रहा है। इसे हंटर्ज मून भी कहा जाएगा। यह दुर्लभ खगोलीय घटना आज 17 अक्टूबर 2024 को पूर्णिमा की रात घटेगी। आज रात को लोग चांद को देखकर बस देखते ही रह जाएंगे। आज रात को चांद किसी भी अन्य पूर्णिमा की रात को लगने वाले चांद से ज्यादा बड़ा और धरती के और ज्यादा नजदीक नजर आएगा। यह साल का तीसरा सुपरमून होगा। 17 अक्टूबर के बाद 16 नवंबर और फिर 15 दिसंबर को भी सुपरमून नजर आएगा।
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भारत समेत पूरी दुनिया में 3 दिन दिखेगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुपर मून भारत समेत पूरी दुनिया में 3 दिन नजर आएगा। मंगलवार की रात से शुक्रवार सुबह तक लोग इस दुर्लभ खगोलीय घटना को आंखों से देख सकेंगे। भारत में सुपरमून 17 अक्टूबर दिन गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 4 बजे नजर आएगा। यह इंटरनेशनल डेट लाइन पर पश्चिम दिशा में 16 अक्टूबर दिन बुधवार की देर रात को और न्यूजीलैंड में शुक्रवार सुबह दिखाई देगा, लेकिन इस सुपरमून को साफ-साफ देखने के लिए प्रदूषण रहित जगहों पर जाएंगे तो नंगी आंखों से भी देख सकेंगे। अन्यथा इसे देखने के लिए टेलीस्कोप का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
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शरद पूर्णिमा ऋतु परिवर्तन का प्रतीक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर के महीने में घटने वाली यह खगोलीय घटना ऋतु परिवर्तन का प्रतीक भी है। जिस पूर्णिमा की रात को यह चांद नजर आएगा, उस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, कुमार पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, नवान्न पूर्णिमा कोजाग्रत पूर्णिमा या कौमुदी पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह मून हार्वेस्ट मून के बाद दिखाई देता है। हार्वेस्ट मून जब नजर आता है, तब फसलों की कटाई की जाती है। इसके बाद हंटर्ज मून देखने का मतलब है कि अब शिकार करने का समय आ गया है। खेत साफ होते ही जानवर नजर आएंगे, जिनका शिकार किया जाएगा। हंटर्ज मून एल्गोंक्विन मूल की अमेरिकी जनजाति की परंपराओं से लिया गया है।
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कई देशों के लिए ऐतिहासिक महत्व
वहीं हिब्रू कैलेंडर में, शरद पूर्णिमा सुक्कोथ की शुरुआत का प्रतीक है, जो इजरायल में मनाया जाने वाला 7 दिवसीय त्योहार है। भारत में शरद पूर्णिमा विभिन्न रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाने वाला एक हिंदू फसल उत्सव है। बौद्धों के लिए पूर्णिमा वासा के अंत का प्रतीक है, जो 3 महीने का मठवासी विश्राम है। यह आयोजन पवराना का भी प्रतीक है, जो भिक्षुओं के लिए चिंतन का दिन है। म्यांमार में थाडिंगयुत प्रकाश उत्सव इस पूर्णिमा के साथ शुरू होता है। यह पूर्णिमा चीनी ड्रैगन वर्ष के 9वें महीने में और इस्लामी वर्ष के चौथे महीने रबी अल-थानी में आती है। श्रीलंका में यह पूर्णिमा वाप पोया का प्रतीक है, जो कथिना उत्सव मनाने के साथ-साथ भिक्षुओं को वस्त्र उपहार में देने का समय है।
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