कर्नाटक BJP ने दिग्गज नेता को पार्टी से निकाला, पूर्व Deputy CM को लेकर बड़ा फैसला क्यों?
Karnataka Lok Sabha Election 2024: कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम केएस ईश्वरप्पा को भारतीय जनता पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ईश्वरप्पा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। ईश्वरप्पा लोकसभा चुनाव में अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। बीजेपी ने जब मांग नहीं मानी, तो उन्होंने बगावत करते हुए शिवमोग्गा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया था। पार्टी की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि उन्होंने पार्टी के प्रोटोकॉल के खिलाफ जाकर काम किया है।
वे पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। जिसके बाद अब उनको 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। उनके बागी तेवरों के कारण पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। यह फैसला पार्टी ने ईश्वरप्पा के बगावत करने के कुछ दिन बाद लिया है। उन्होंने बेटे को टिकट नहीं मिलने पर कहा था कि वे अब बीजेपी के साथ नहीं हैं। उनको अपने खिलाफ किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी डर नहीं है।
हावेरी सीट पर बेटे के लिए मांगा था टिकट
इससे पहले ईश्वरप्पा ने अपने बेटे के लिए कर्नाटक दक्षिण की हावेरी सीट से टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने उनके बेटे कांतेश को टिकट नहीं दिया। इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को जिम्मेदार ठहराया था। इसके अलावा उनके पिता बीएस येदियुरप्पा पर भी दोष मढ़ा था। इसके बाद कहा था कि वे निर्दलीय इलेक्शन लड़ रहे हैं। उनको किसी से (विजयेंद्र) कार्रवाई का डर नहीं है। क्या प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनको नहीं पता कि निर्दलीय चुनाव लड़ना क्या होता है। वे पार्टी से बाहर आ चुके हैं। मैं अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकियों से नहीं डरता।
जिसको जो करना है, कर ले। मेरी सोच पीएम जैसी है। वे केंद्र में सोनिया और राहुल की परिवारवाद की राजनीति से लड़ रहे हैं। मैं कर्नाटक में पिता-पुत्र की राजनीति से पार्टी को बाहर करने के लिए। ईश्वरप्पा ने 12 अप्रैल को निर्दलीय के तौर पर शिवमोग्गा से नामांकन दाखिल किया था। यहां भाजपा से मौजूदा सांसद और येदियुरप्पा के बड़े बेटे बीवाई राघवेंद्र लड़ रहे हैं। कांग्रेस से गीता शिवराजकुमार मैदान में हैं। उनको मनाने के लिए कई बीजेपी नेता गए थे। लेकिन वे नहीं माने। वे प्रचार के दौरान भगवा दुपट्टा और पीएम मोदी की फोटोज का इस्तेमाल कर रहे हैं। कह रहे हैं कि पीएम उनके दिल में रहते हैं। इस कदम पर पार्टी भी आपत्ति जता चुकी है।