तिरुपति बालाजी मंदिर में कैसे मची भगदड़, क्या है हादसे की पूरी कहानी?
Stampede Tirupati mandir: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार को भगदड़ मचने से अभी तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। फिलहाल पुलिस और बचाव दल की प्राथमिकता लोगों का उपचार और राहत कार्य है। हालांकि आंध्र प्रदेश सरकार और मंदिर समिति ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कल सुबह 11:45 पर तिरुपति जाएंगे, वहां वे अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात करेंगे और बैकुंठ दर्शन के इंतजाम की समीक्षा देखेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह हादसा बैकुंठ द्वार सर्व दर्शन टोकन के चलते हुआ है। जानकारी के अनुसार मंदिर प्रशासन ने 9 जनवरी को सुबह से टोकन बांटने की घोषणा की थी। लेकिन लोग आज शाम से ही टोकन के लिए लाइन में लग गए। देखते ही देखते लोगों की भीड़ बढ़ती रही और वह अनियंत्रित हो गई। एक साथ मंदिर परिसर में इतने सारे लोगों की मौत आज तक नहीं हुई है, मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। बताया जा रहा है कि हादसे के समय मंदिर परिसर में करीब 4000 लोग थे।
लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे
फिलहाल मौके से आ रहीं वीडियोज से पता चल रहा है कि लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ रहे थे। थोड़ी देर के लिए मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया। सब लोग अपनी जान बचाकर चीखते हुए इधर-उधर भागने लगे। भगदड़ के बाद जमीन पर बदहवास पड़े लोगों को पुलिसकर्मी सीपीआर देते दिख रहे हैं।
बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रहीं
आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति में भगदड़ की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए कहा लोगों के मरने की खबर से मैं दुखी हूं। भगवान के दर्शन के लिए आए भक्तों की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैंने घायलों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया है।
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