सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी को झटका, खाली करना होगा ऑफिस
Supreme Court Aam Aadmi Party Office: सुप्रीम कोर्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। AAP को राउज एवेन्यू इलाके में स्थित अपने दफ्तर को खाली करना होगा। शीर्ष कोर्ट ने AAP को दफ्तर खाली करने के लिए 15 जून तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आम चुनावों के मद्देनजर AAP को समय दिया जा सकता है। इस ऑफिस को जिला न्यायपालिका के विस्तार के उद्देश्य से दिल्ली हाई कोर्ट को आवंटित किया गया था।
राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स के लिए निर्धारित है जमीन
दरअसल, अभी जहां आम आदमी पार्टी का ऑफिस है उस जमीन को राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स के विस्तार के लिए निर्धारित किया गया है। शीर्ष कोर्ट ने आम आदमी पार्टी से कहा है कि इस दौरान वह केंद्र सरकार के भूमि और विकास कार्यालय (L&DO) के पास नई जमीन आवंटित करने के लिए आवेदन कर सकती है।
भूमि और विकास कार्यालय दिल्ली सरकार के आवेदन पर विचार करेगा। इसके लिए समय सीमा भी दी गई है। L&DO दिल्ली सरकार के आवेदन पर चार हफ्ते में फैसला लेगा। इसके बाद दिल्ली सरकार को सूचित कर दिया जाएगा।
कोर्ट को दी गई जमीन का अतिक्रमण
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दिल्ली हाई कोर्ट को दी गई जमीन का अतिक्रमण है। शीर्ष अदालत में भूमि एवं विकास कार्यालय (L&DO) की ओर से भी दलील पेश की गई। एल एंड डीओ की ओर से कहा गया कि आम आदमी पार्टी ने 2017 से जमीन पर कब्जा कर रखा है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने किया आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व
शीर्ष अदालत में AAP का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने किया। सिंघवी ने अपनी दलील में कहा- "AAP देश की छह राष्ट्रीय पार्टियों में से एक है। आम आदमी पार्टी को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कुछ नहीं मिलता है। उन्हें बदरपुर एरिया दिया गया है, जबकि बाकी सभी लोग बेहतर स्थानों पर हैं।"
''हमारे अच्छे ऑफिसेज का इस्तेमाल नहीं कर सकते''
मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सिंघवी से कहा- "आपको स्वयं उचित कदम उठाने का तरीका ढूंढ़ना चाहिए। साथ ही एल एंड डीओ के साथ आवेदन करना चाहिए। आप भूमि या भवन आवंटित करने के लिए हमारे अच्छे ऑफिसेज का इस्तेमाल नहीं कर सकते। आम चुनावों के मद्देनजर हम परिसर को खाली करने के लिए 15 जून तक का समय दे रहे हैं।''
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आपको बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार और दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को राउज एवेन्यू में आवंटित भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए एक मीटिंग करने का निर्देश दिया गया था।
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