होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान कहने का हक नहीं...SC ने क्यों लगाई हाईकोर्ट को फटकार?

Supreme Court Blasts on Karnataka Highcourt: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जज को जमकर फटकार लगाई है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज श्रीशानंद ने पाकिस्तान का जिक्र किया था। जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस श्रीशानंद को चेतावनी दी है।
12:37 PM Sep 25, 2024 IST | Sakshi Pandey
Advertisement

Supreme Court Blasts on Karnataka Highcourt: (प्रभाकर मिश्रा) सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जमकर फटकार लगाई है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस श्रीशानंद की टिप्पणी पर एतराज जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को इस बात का हक नहीं है कि वो देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान कहे। इस तरह का बयान देश की अखंडता के खिलाफ है। जस्टिस श्रीशानंद ने बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान करार दिया था। साथ ही जस्टिस श्रीशानंद ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक महिला वकील पर असंवेदनशील और आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसी दौरान जज ने बेंगलुरु के एक मुस्लिम बहुल इलाके की तुलना पाकिस्तान से कर दी थी। जस्टिस श्रीशानंद का विडियो वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर हाईकोर्ट से रिपोर्ट मांगी थी।

Advertisement

जज ने भरे कोर्ट में मांगी माफी

हाईकोर्ट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर रिपोर्ट में बताया गया कि जस्टिस श्रीशानंद ने हाईकोर्ट में अदालती कार्रवाई के दौरान वकीलों के बीच माफी मांग ली थी। उन्होंने भरी कोर्ट में माफी मांगते हुए कहा था कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया। उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।

यह भी पढ़ें- नायडू का लड्डू और नीतीश का मंदिर! बैसाखियों के दांव से सहमी बीजेपी, ‘प्रसाद’ की राजनीति ने बढ़ाई धड़कनें

सुप्रीम कोर्ट ने किया माफ

सुप्रीम कोर्ट ने भी जज श्रीशानंद की माफी को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस श्रीशानंद ने भरी अदालत में माफी मांग ली है, इसलिए न्यायपलिका के हित में यह जरूरी है कि हम उनकी माफी को स्वीकार करें। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस श्रीशानंद के माफीनामे को स्वीकार करते हुए कार्रवाई बंद करने का फैसला किया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस तरह के विवाद के चलते लाइव स्ट्रीमिंग को बंद नहीं किया जा सकता। न्यायिक प्रकिया में और ज़्यादा पारदर्शिता की जरूरत है न कि अदालत में हो रही सुनवाई को पर्दे में रखा जाए।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी

आज संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग के इस दौर में जजों, वकीलों को ज़्यादा सावधान रहने की जरूरत है। अब कोर्ट की सुनवाई के साक्षी कोर्ट रूम में मौजूद लोग ही नहीं है, बाहर की दुनियां पर इसका असर व्यापक है। जजों को खासतौर पर ध्यान रखना होगा कि वो कोई ऐसी टिप्पणी न करें जिससे उनका व्यक्तित्व पूर्वाग्रह नज़र आये।

यह भी पढ़ें- Marital Rape क्या? ‘सुप्रीम’ फैसले से पहले 5 पॉइंट्स में समझें मामला

Open in App
Advertisement
Tags :
Karnataka High CourtSupreme Court News
Advertisement
Advertisement
दुनिया ट्रेंडिंग मनोरंजन वीडियो