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व्हाट्सएप पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी आई तो आप भी फंसेंगे? जानें क्या हैं 'सुप्रीम' फैसले के मायने

Supreme Court on Child Pornography: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। हालांकि अगर कोई आपके फोन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी चीजें भेजता है, तो आपके लिए भी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
03:36 PM Sep 23, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Supreme Court on Child Pornography: सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार फोन या लैपटॉप में चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा। पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होगा और वीडियो देखने वाले को कड़ी सजा दी जाएगी। हालांकि सवाल यह है कि अगर आपके फोन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी चीजें आती हैं, तो क्या आप भी अपराधी माने जाएंगे? इस सवाल को लेकर कई लोगों को मन में भ्रम बना हुआ है। तो आइए जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के क्या मायने हैं?

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मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को पलटा

मद्रास हाईकोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर फैसला सुनाते हुए 28 वर्षीय व्यक्ति तो रिहा कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि निजी तौर पर पोर्नोग्राफी देखना अपराध नहीं माना जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निजी तौर पर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना अपराध की कैटेगरी में गिना जाएगा। इसे देखने वालों पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज होगा।

डाउनलोड करने से बढ़ेगी मुश्किल

हैरानी की बात तो यह है कि अगर कोई आपके फोन पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मैसेज भेजता है और आपने वो मैसेज देखा, तो आप भी अपराध की श्रेणी में आएंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मानें तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना और डाउनलोड करना, दोनों पॉक्सो एक्ट के दायरे में आएंगे। ऐसे में अगर आपने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी फोटो और वीडियो डाउनलोड की और इन्हें खोलकर देखा, तो आप पर भी पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज हो सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द को बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यवहार सामग्री से बदल देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कई लोगों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। व्हॉट्सएप समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो शेयर किया जाते हैं। खासकर व्हॉट्सएप ग्रुप में अक्सर यह चीजें देखने को मिलती हैं। ऐसे में अगर आपने गलती से भी इसे डाउनलोड किया, तो आप मुश्किल में फंस सकते हैं। इसलिए व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भी वीडियो डाउनलोड करने से पहले अच्छी तरह से चेक कर लें कि कहीं वो चाइल्ड पोर्नोग्राफी के दायरे में तो नहीं आती है?

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Tags :
child pornographyPOCSO Actsupreme court decision
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