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14 साल की लड़की का अबॉर्शन होगा; जानें सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या आदेश दिए?

Supreme Court Permitted Rape Survivor Abortion: सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाकर नाबालिग रेप पीड़िता और उसकी मां को बड़ी राहत दी है। मामला बच्ची के गर्भवती होने और गर्भपात से जुड़ा है, जिसमें मां के हक में फैसला सुनाया गया। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?
12:03 PM Apr 22, 2024 IST | Khushbu Goyal
सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाकर रेप पीड़िता और उसकी मां को बड़ी राहत दी है।
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Supreme Court Permitted Rape Survivor Abortion: यौन शोषण और दुष्कर्म से जुड़े केस में अहम फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता का गर्भपात करने की परमिशन दे दी है। पीड़िता 14 साल की नाबालिग लड़की है और वह 28 हफ्ते की गर्भवती है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत फैसला सुनाया है, जबकि मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने विरोधी फैसला दिया था।

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हाईकोर्ट ने नाबालिग का गर्भपात कराने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए और पीड़िता की उम्र को ध्यान में रखते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 2 सदस्यीय बेंच ने आज अहम फैसला सुनाकर पीड़िता की मां को बड़ी राहत दी।

 

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सुप्रीम कोर्ट CJI ने क्या कहा आदेश में?

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में अपने फैसले में कहा कि अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की राय पर फैसला लिया गया है। बोर्ड ने राय दी है कि नाबालिग रेप पीड़िता की इच्छा के खिलाफ गर्भावस्था जारी रखने से नाबालिग की शारीरिक और मानसिक हालत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें स्वास्थ्य संबंधी कुछ रिस्क भी शामिल हैं। उसकी जान को भी खतरा हो सकता है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग रेप पीड़िता के कल्याण को ध्यान में रखते हुए आदेश पारित किया जाता है कि बॉम्बे HC के आदेश को रद्द कर दिया जाए। लोकमान्य तिलक नगरपालिका सामान्य अस्पताल के डीन नाबालिग रेप पीड़िता की गर्भावस्था के खत्म करने के लिए टीम का गठन करेंगे। बच्ची को उसके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। गर्भपात की प्रक्रिया का सारा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। गर्भपात के बाद यदि किसी तरह की चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता हो तो इसे नाबालिग के हित में सुनिश्चित किया जाए।

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