'महाकुंभ में भगदड़ दुर्भाग्यपूर्ण'; जनहित याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, याचिकाकर्ता को बड़ा आदेश
PIL Against Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ और उसमें हुई मौतों के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा है और CJI जस्टिस खन्ना ने महाकुंभ में हुए हादसे का दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता का विषय बताया है। जनहित याचिका में प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ पर स्टेटस रिपोर्ट और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
याचिका में सभी राज्यों द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र मे सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई थी। ऐसे बड़े धार्मिक आयोजनों में VIP मूवमेंट को सीमित करने और ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखने की मांग की गई थी। याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी दिए जाने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सऐप पर तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई थी, लेकिन याचिका को पहले हाईकोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया गया है।
Supreme Court says the stampede at the Maha Kumbh in Uttar Pradesh's Prayagraj is an “unfortunate incident” and refuses to entertain a PIL seeking directions to put in place safety measures and guidelines for pilgrims from across the country.
Supreme Court asks the lawyer who… pic.twitter.com/rNNBVaF48r
— ANI (@ANI) February 3, 2025
कब और क्या हुआ था महाकुंभ में?
बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरे पवित्र स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु महाकुंभ के लिए उमड़े। इससे पहले देररात करीब 2 बजे त्रिवेणी संगम नोज पर भगदड़ मच गई। भीड़ बढ़ने से बैरिकेड टूट गए और लोग संगम तक पहुंचने के लिए उनको क्रॉस कर गए। इस दौरान भीड़ के नीचे सो रहे लोग कुचले गए। अफरा तफरी और धक्का मुक्की में कई लोग घायल हो गए। अस्पताल पहुंचने तक करीब 30 लोग ने दम तोड़ दिया। इस घटनाक्रम के बाद मौके पर जो मंजर देखने को मिला, उसे देखकर देशवासियों का दिल दहल गया। उत्तर प्रदेश की सरकार ने देरशाम हादसे में मौत होने की पुष्टि की। देशभर में इस घटनाक्रम की निंदा हुई। नेताओं ने हादसे के लिए बदइंतजामों और अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार ठहराया।