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Swatantrata Diwas 2024: लाल क‍िले का असली नाम क्‍या है? स्‍वतंत्रता द‍िवस पर पीएम यहीं क्‍यों फहराते हैं त‍िरंगा?

Swatantrata Diwas 2024: आजादी के 77 साल पूरे होने वाले हैं। पूरे देश में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस की तैयारी की जा रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि लाल किले से ही स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा क्यों फहराया जाता है और कब से इसकी शुरुआत हुई। तो आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
07:51 PM Aug 12, 2024 IST | Devansh Shankhdhar
Swatantrata Diwas 2024
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Swatantrata Diwas 2024: भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी चल रही है। 15 अगस्त के दिन पूरे देश में अलग-अलग तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है और देश के लोग जश्न मनाते हैं। इस दिन पूरा देश देश भक्ति के रंग में डूबा रहता है।

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26 जनवरी और 15 अगस्त दोनों ही दिन भारत में झंडा फहराया जाता है लेकिन दोनों में एक बड़ा अंतर होता है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं जबकि गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति के द्वारा जनपथ पर झंडा फहराया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए लाल किला ही क्यों चुना गया? नहीं पता न, तो आइए आपको बताते हैं इसके बारे में विस्तार से।

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लाल किले पर ही स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

जब साल 1947 में देश आजाद हुआ तो प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया और इसी की प्रचीर से देश को संबोधित किया। इसे एक बार फिर से लाल किले को सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित करने के तौर पर देखा गया। राजनीति में प्रतीकों का बड़ा महत्व होता है। यही वजह रही कि जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के तौर पर यहां झंडा फहराया। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री हों या फिर इंदिरा गांधी या अब नरेंद्र मोदी यही परंपरा चलती आ रही है।

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कब हुआ था लाल किले का निर्माण

लाल किले का इतिहास काफी ज्यादा पुराना है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में 5वें मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था। इस किले को सम्राट की शक्ति और भव्यता के प्रतीक के रूप में बनाया गया था और लगभग 200 साल तक यह मुगल साम्राज्य की राजधानी रही थी। इसे यूनेस्को ने साल 2007 में अपनी वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया था।

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लाल किले का असली नाम क्या है

शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा की जगह दिल्ली शिफ्ट करने के लिए 29 अप्रैल 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू करवाया, जो 1648 में पूरा हुआ। लाल किला को बनने में 10 साल का समय लगा। लाल किले का असली नाम किला-ए-मुबारक है। लाल किला ने 1857 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रूप में कार्य किया। लाल किला ने 1857 तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रूप में कार्य किया। इसके बाद, अंग्रेजों ने इस पर कब्जा कर लिया और किले पर अपना झंडा लगा दिया।

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