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कॉन्टैक्ट लेंस के साथ स्विमिंग कितनी खतरनाक? 23 साल की लड़की की आंख की रोशनी गई

Swimming With Contact Lense Dangerous: कॉन्टैक्स लेंस पहनकर स्विमिंग करने से एक लड़की की आंख की रोशनी चली गई। उसे एक दुर्लभ संक्रमण हो गया, जिसका इलाज भी दुर्लभ है। समय पर इलाज नहीं होने के कारण लड़की की जिंदगी बर्बाद हो गई। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?
11:01 AM Nov 05, 2024 IST | Khushbu Goyal
Swimming Pool
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Swimming With Contact Lense Dangerous: अगर आप कॉन्टैक्स लेंस पहनते हैं और लेंस पहनकर स्विमिंग करते हैं तो यह खतरनाक हो सकता है। जी हां, एक लड़की को ऐसा करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। लड़की अमेरिका की रहने वाली है। उसकी उम्र सिर्फ 23 साल है और उसका नाम मैककैसलैंड है, लेकिन आजकल वह ट्रॉमा से गुजर रही है, क्योंकि उसे अब दाईं आंख से दिखाई नहीं देता।

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इसकी वजह कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर तैराकी करना है। ऐसा करने से उसकी आंख में इन्फेक्शन हो गया, जिसका इलाज कराने में भी देरी हो गई और उसकी आंख की रोशनी चली गई। अपनी आपबीती सुनाते हुए उसने लोगों को चेताया और कहा कि मुझे जिंदगी में अब तक का सबसे ज़्यादा दर्द हुआ और यह बेहद तकलीफदेह है कि मेरी दाहिनी आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई है। जो गलती मैंने की, वह कोई न करे, वरना जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।

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मेडिकल बिल चुकाने के लिए जुटाना पड़ा फंड

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 23 वर्षीय ब्रुकलिन मैककैसलैंड ने बताया कि वह अगस्त 2024 में अपने दोस्तों के साथ अलबामा घूमने गई थी। यहां उसने दोस्तों के साथ स्विमिंग की, लेकिन उसने कॉन्टैक्ट लैंस नहीं उतारे। इसके बाद उसे एकेंथामोइबा केराटाइटिस नामक संक्रमण हो गया। डॉक्टर ने बताया कि यह एक प्रकार का अमीबा है, जो कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है। आंख की रोशनी जाने का कारण बन सकता है।

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हालांकि डॉक्टर ने आंख में स्टेरॉयड की बूंदें डालीं, लेकिन तब तक संक्रमण कॉर्निया तक फैल गया था। संक्रमण के निदान में देरी होने के कारण यह और गंभीर हो गया। उसकी आंख की रोशनी चली गई। इलाज कराने में उसका काफी खर्च भी हो गया। इसलिए उसने मेडिकल बिल्स का भुगतान करने के लिए GoFundMe से मदद मांगी है। इस NGO ने उसकी कहानी को अपने फेसबुक पेज पर अपलोड करके उसके लिए फंड इकट्ठा किया।

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हर साल 1500 लोग बनते संक्रमण का शिकार

मीडिया रिपोट के अनुसार, ब्रुकलिन मैककैसलैंड ने बताया कि उसे हर 2 दिन में डॉक्टर के पास जाना पड़ा। दर्द और रोशनी को जाने से बचाने के लिए उसे आंखों के अलग-अलग स्पेशलिस्ट से इलाज कराना पड़ा, लेकिन उसकी एक आंख की रोशनी नहीं बची। चूंकि यह संक्रमण बहुत दुर्लभ है, इसलिए उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बूंदें केवल ब्रिटेन में ही बनाई जाती हैं। किस्मत से डलास में डॉक्टर के पास कुछ मेडिसन थीं, इसलिए उसका उपचार शुरू हो सका, लेकिन दवाई उपलब्ध कराने और उपचार शुरू कराने में काफी समय लग गया।

हर 30 मिनट में आंखों में बूंदें डालने की ज़रूरत पड़ी, क्योंकि इस संक्रमण के इलाज से मिलने वाले परिणाम काफी स्लो हैं। अगर मुझे पता होता कि अपने कॉन्टैक्ट लेंस उतारकर तैरने से इस दर्द से बच सकती हूं तो मैं ऐसा कभी नहीं करती। एकैंथअमीबा केराटाइटिस नामक संक्रमण अमेरिका में हर साल 1500 लोगों को शिकार बनाता है, लेकिन 90 प्रतिशत मामले कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वालों के होते हैं। कॉन्टैक्ट लेंस को बहुत लंबे समय तक पहनना, उन्हें गलत तरीके से स्टोर करना या साफ करना, तैराकी या शॉवर लेते समय लेंस पहनने से भी यह संक्रमण हो जाता है।

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