जम्मू-कश्मीर में क्यों बढ़ रहे आतंकी हमले, जानिए विशेषज्ञों की जुबानी
Terrorists Agitated Heavy Voting in Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में 4 दिनों में हुए 4 आतंकी घटनाओं के बाद प्रदेश में सुरक्षा हाई अलर्ट पर हैं। इन आतंकी हमलों में 1 सीआरपीएफ जवान समेत 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि 7 सुरक्षा कर्मी और अन्य लोग भी घायल हो गए। 9 जून को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के समय जम्मू रियासी में आतंकियों ने एक बस पर गोलीबारी कर जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। ऐसे में जम्मू क्षेत्र में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं के बाद पीएम मोदी हरकत में आए और सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ रिव्यू मीटिंग की। ऐसे में आइये जानते हैं कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इन घटनाओं को लेकर क्या कुछ कहा?
इंडिया टुडे से बातचीत में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन ने कहा कि आतंकियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हमला करके ये संदेश दिया है कि एनडीए सरकार अपनी सफलता की बात करते हैं लेकिन वे जम्मू-कश्मीर अभी भी उनके नियंत्रण से बाहर हैं। उन्होंने चित्तीसिंहपुरा नरसंहार का उदाहरण देते हुए कहा कि इस प्रकार के हमले इसलिए किए जाते हैं कि ताकि दुनिया को वे बता सके कि जम्मू कश्मीर हमारे नियंत्रण में नही है।
चित्तीसिंहपुरा नरसंहार की तरह था रियासी हमला
बता दें कि साल 2000 में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में चित्तीसिंहपुरा गांव में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 35 सिख तीर्थयात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत की संसद को संबोधित करने वाले थे। हसनैन ने कहा कि पाकिस्तान पर किसी एक का नियंत्रण नहीं है। यह विभिन्न स्तरों पर नियंत्रित है। वहीं सुरक्षा विशेषज्ञ सुशांत शरीन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न होने से पाकिस्तान चिंतित है। उन्होंने कहा कि बीते 3 सालों में आतंक का केंद्र घाटी नहीं होकर जम्मू बन गया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 से पहले किसी कीमत पर चुनाव करवाने का आदेश सरकार और चुनाव आयोग दिया है। ऐसे में यह तय है कि चुनाव आयोग अगले कुछ दिनों में मतदान की तारीखों का ऐलान कर सकता है। वहीं जम्मू कश्मीर में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में 50 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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