होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

कितने कारगर रहेंगे कल से लागू होने वाले 3 नए कानून? जानें आम लोगों पर होगा कितना असर?

How Effective Are The Three New Criminal Laws: देश में कल से तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे। अंग्रेजों के जमाने के 3 कानूनों में बदलाव किया गया है। फरवरी में इन तीन कानूनों को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था। पिछले साल इन कानूनों को पेश किया गया था।
05:39 PM Jun 30, 2024 IST | Parmod chaudhary
देश में एक जुलाई से लागू होंगे नए क्रिमिनल लॉ।
Advertisement

Three New Criminal Laws: देश में 3 नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहे हैं। सोमवार से अंग्रेजों के जमाने के 3 कानूनों से छुटकारा मिल जाएगा। ब्रिटिश काल की 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता की जगह ये 3 नए कानून ले लेंगे। अब इनकी जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) नामक कानून ले लेंगे। सोमवार से देश के कानूनों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। अब नए कानूनों के अनुसार नाबालिग के साथ रेप के दोषियों को फांसी की सजा मिलेगी। गैंगरेप को भी नए क्राइम की श्रेणी में रखा गया है।

Advertisement

यह भी पढ़ें:RBI का बैंकों के लिए नया अलर्ट; साइबर हमले का खतरा मंडराया, दुरुस्त रखें सिस्टम

वहीं, अब राजद्रोह क्राइम नहीं होगा। नए कानून में मॉब लिंचिंक के दोषियों को भी सख्त सजा मिल सकेगी। अगर 5 या इससे अधिक लोग जाति या समुदाय के आधार पर किसी की हत्या करते हैं तो आजीवन कारावास की सजा मिलेगी। बीएनएस ने 163 साल पुराने आईपीसी को रिप्लेस किया है। इसमें भी दोषी के सामाजिक सेवा करने का प्रावधान सेक्शन 4 में रखा गया है। अगर कोई धोखा देकर शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे 10 साल की जेल होगी। नौकरी या पहचान छिपाकर शादी करने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है।

लूट और चोरी के मामलों में भी सख्त सजा

वहीं, अब किडनैपिंग, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, वाहन चोरी, लूट, डकैती, साइबर और आर्थिक अपराध के लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। आतंकी गतिविधियों, देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़, आर्थिक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने में दोषी पाए जाने पर भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। मॉब लिंचिंग में भारी जुर्माने के साथ मौत की सजा भी हो सकती है। वहीं, अब 1973 के सीआरपीसी की जगह बीएनएसएस होगा। प्रक्रियात्मक कानून में भी कई बदलाव किए गए हैं। अगर कोई पहली बार अपराध करता है तो अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा पूरा होने के बाद बेल हासिल करने का अधिकार होगा। विचाराधीन कैदियों को तुरंत बेल मुश्किल से मिलेगी। हालांकि गंभीर अपराध वाले लोगों पर नियम लागू नहीं होगा।

Advertisement

यह भी पढ़ें:शादी करके दिखाते हसीने सपने, चीन ले जाकर करवाते देह व्यापार; बांग्लादेश में गरीब लड़कियों को खरीदने वाला गैंग

सात साल से अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच जरूरी होगी। मौके से सूबत जुटाने और रिकॉर्डिंग को भी देखा जाएगा। अगर कहीं फोरेंसिक सुविधा नहीं है तो इसे दूसरे राज्य से लिया जा सकता है। सबसे पहले केस मजिस्ट्रेट कोर्ट, सेशन कोर्ट और फिर हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट आएगा। वहीं, 1872 के साक्ष्य अधिनियम की जगह अब बीएसए लेगा। इसमें इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को लेकर काफी बदलाव किए गए हैं। पहले जानकारी सिर्फ ऐफिडेविट तक सीमित होती थी। लेकिन अब द्वितीय सबूत की भी बात हुई है। कोर्ट को बताना होगा कि इलेक्ट्रॉनिक सबूत में क्या-क्या शामिल किया गया है?

Open in App
Advertisement
Tags :
Crime Case
Advertisement
Advertisement