क्या होता है आस्था घोषणापत्र? तिरुपति मंदिर जाने से पहले पवन कल्याण की बेटी ने किए साइन
Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण बुधवार को अपनी बेटियों के साथ तिरुपति मंदिर की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। इससे पहले उनकी छोटी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने आस्था घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर भी किए। नियमों के अनुसार जब भी भगवान वेंकेटेश्वर के मंदिर में कोई गैर हिंदू या विदेशी प्रवेश करता है तो उसे आस्था घोषणापत्र पर साइन करने होते हैं। पोलिना पवन कल्याण और अन्ना लेझनेवा की बेटी हैं। अन्ना पवन की तीसरी पत्नी हैं। जो अपनी बेटी और बेटे मार्क के साथ विदेश में रहती हैं। पोलिना ने मंदिर बोर्ड के अधिकारियों की ओर से दिए गए घोषणापत्र पर पहले हस्ताक्षर किए। बाद में मंदिर में प्रवेश किया।
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चूंकि पोलिना नाबालिग हैं, इसलिए मंदिर के घोषणापत्र पर पवन कल्याण को भी साइन करने पड़े। पवन कल्याण के साथ उनकी एक और बेटी आद्या भी मंदिर गईं। पवन ने पहली शादी रेणु देसाई से की थी। जिसके बाद रेणु ने आद्या को जन्म दिया था। पवन की पार्टी जनसेना ने घोषणापत्र पर साइन करतीं बेटियों और पिता का वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया है।
जिस पर लिखा है कि उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की छोटी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए घोषणापत्र दिया है। उन्होंने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों द्वारा दिए गए घोषणापत्र पर साइन किए हैं। वे नाबालिग हैं, इसलिए उनके पिता ने भी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। नियमों के अनुसार नाबालिग गैर हिंदू के अलावा किसी परिजन को इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने होते हैं। नाबालिग को अकेले जाने की अनुमति नहीं है।
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु वसा होने के आरोपों के बाद से राजनीति गर्माई हुई है। आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने इसे पाप बताया था। उन्होंने ऐलान किया था कि वे इसका प्रायश्चित करने के लिए 11 दिन का उपवास करेंगे। जिसके तहत वे तिरुपति मंदिर की 3 दिवसीय यात्रा पर गए हैं। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पिछली YSRCP सरकार के शासनकाल में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु वसा का उपयोग किया गया था।
रेड्डी ने खारिज किए थे आरोप
वहीं, जगन मोहन रेड्डी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। बाद में पवन कल्याण ने बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि इस पाप को शुरू में न पहचान पाना हिंदू जाति पर एक कलंक के समान है। मामला सामने आने के बाद मैं स्तब्ध रह गया। मुझे अपराधबोध हो रहा है और इस भयानक अन्याय का प्रायश्चित सबको करना चाहिए। मैंने उपवास रखने का फैसला किया है। पवन ने कहा था कि वे तपस्या के बाद तिरुपति मंदिर जाएंगे।
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