बेहतर बॉस बनना है तो दूर कर लीजिए ये 5 आदतें, वरना पल भर में खो जाएगी रिस्पेक्ट
Toxic Behaviour At Work Place : चाहे नौकरी हो या बिजनेस, अगर आप लीडरशिप की पोजिशन में आना चाहते हैं यानी बॉस बनना चाहते हैं तो इसके लिए सिर्फ योग्यता काम नहीं करती है। आपका व्यवहार कैसा है यह भी तय करता है कि आप कैसे लीडर बनेंगे। वैसे तो यह इतना स्पेशल नहीं लगता लेकिन असल में यह बेहद रोचक है कि किस तरह से व्यवहार में लाए गए छोटे-छोटे बदलाव आपकी इमेज को बेहतर कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में जानिए ऐसी 5 आदतों के बारे में जो आपको एक खराब बॉस बनाती हैं और इनकी वजह से ही वर्क प्लेस पर साथी कर्मचारियों की नजर में सम्मान खत्म हो जाता है।
सब्र का न होना
जिन लोगों में सब्र नहीं होता वह केवल अपना और अपनी टीम का नुकसान ही करते हैं। एक बॉस के रूप में आपके अंदर धैर्य होना ही चाहिए। किसी इमरजेंसी की स्थिति में जल्दबाजी करना गलत नहीं है लेकिन, अगर यह आपका सामान्य व्यवहार है तो आपको अपने व्यवहार में तुरंत बदलाव लाने की जरूरत है। आपाधापी की आदत बताती है कि आपका खुद पर ही नियंत्रण नहीं है।
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दखल देने की आदत
जब कोई बात कर रहा हो तो बीच में टोकने की आदत सामने वाले को बहुत फ्रस्टेट करती है। अगर आप अपने साथी कर्मचारियों को अपनी बात रखने का मौका ही नहीं देंगे तो वह वह भी आपकी बात नहीं सुनने वाले। कई लोग इसे सह तो लेते हैं लेकिन अंदर ही अंदर उनके दिल से बॉस के लिए सम्मान खत्म होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप सबकी बात सुनें और बेतुका दखल न दें।
अपनी बात से पलटना
समय और परिस्थिति के अनुसार अपने रुख और शैली में बदलाव करना गलत नहीं है। लेकिन, अगर आप हर बार यही करते हैं तो एक बॉस के तौर पर आपके लिए यह एक रेड फ्लैग है। उदाहरण के तौर पर अभी आपने कोई प्लान बनाया और अगर उसने कम नहीं किया तो जिम्मेदारी से मुकर जाना, यह बहुत गलत संकेत देता है और साथी कर्मचारियों की नजरों में आपको बुरा बनाता है।
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व्यर्थ की बहस करना
किसी टॉपिक पर विचार-विमर्श करने और बहस करने में बड़ा अंतर है। सिर्फ अपनी बात साबित करने के लिए जबरदस्ती के तर्क देना आपकी इमेज को बिगाड़ सकता है। जरूरी नहीं है कि अगर आप बॉस हैं तो आपकी हर बात सही ही हो। कई बार आप गलत हो सकते हैं। जब ऐसा कुछ हो तो साथियों की बात सुनने की कोशिश करें और सिर्फ खुद को सही बताने के लिए बहस न करें।
हमेशा शिकायत करना
जब काम होता है तो समस्याएं भी होती हैं। इन समस्याओं पर बात की जानी चाहिए। लेकिन, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप हर समय शिकायत ही करते रहें। किसी बात को लेकर मुंह बनाने और हर समय उसे लेकर शिकायतें करते रहने से रिस्पेक्ट खत्म होती है। ऐसे शख्स की बातों को लोग गंभीरता से लेते भी नहीं हैं। इसकी जगह समस्या का समाधान करने में मदद करें।
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